गोपालगंज: मानस कोकिला अंजलि द्विवेदी ने कहां, धर्म की स्थापना के लिए ईश्वर का होता है जन्म
गोपालगंज: पृथ्वी पर जब-जब असुरों का आतंक बढ़ा है तब-तब ईश्वर ने किसी न किसी रूप में अवतार लेकर असुरों का संहार किया है। जब धरा पर धर्म के स्थान पर अधर्म बढ़ने लगता है तब धर्म की स्थापना के लिए ईश्वर को आना पड़ता है। भगवान राम ने भी पृथ्वी लोक पर आकर धर्म की स्थापना की। उक्त बातें पंचदेवरी प्रखंड के नंद पट्टी दुर्गा मंदिर परिसर में चल रहे शतचंडी महायज्ञ के पांचवे दिन मानस कोकिला अंजलि द्विवेदी ने कही।
उन्होंने कहा कि आज का व्यक्ति ईश्वर की सत्ता को मानने से भले ही इंकार कर दे लेकिन एक न एक दिन उसे ईश्वर की महत्ता को स्वीकार करना ही पड़ता है। संसार में जितने भी असुर उत्पन्न हुए सभी ने ईश्वर के अस्तित्व को नकार दिया और स्वयं भगवान बनने का ढोंग करने लगे, लेकिन जब ईश्वर ने अपनी सत्ता की एक झलक दिखाई तो सभी का अस्तित्व धरा से ही समाप्त हो गया। अधर्म के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति कितना ही शक्तिशाली क्यों न हो लेकिन धर्म के मार्ग पर चलने वाले के आगे अधिक समय तक नहीं टिक सकता। इधर मथुरा वृंदावन से आए रामलीला में भगवान श्री राम का जन्म लीला का दर्शन कराया गया। भगवान राम चारों भाई की झांकी को देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो गए।
इस मौके पर योगेंद्र दुबे, विनोद दुबे, टुनटुन दुबे, गिरीश सिंह, हरिओम कुशवाहा, हाकिम यादव, तारकेश्वर दुबे, मदन यादव आदि थे।