गोपालगंज

गोपालगंज के लाल मुकेश कुमार ने जिले का नाम किया रौशन, इंडिया-ए क्रिकेट टीम में बनाई अपनी जगह

गोपालगंज सदर प्रखंड के काकड़कुंड गांव निवासी टैक्सी चालक का बेटा भारत-ए टीम में चयनित हुआ है, जो न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच खेलेगा। अंतरराष्ट्रीय मैच में चयनित होने के बाद पूरे जिले में खुशी की लहर दौड़ गई है। वहीं मां और चाचा समेत परिवार के अन्य लोगो ने मुकेश के सफलता पर फुले नही समा रहे है। भारत-ए टीम में शामिल मुकेश के परिजनों ने अपने बेटे के सफलता पर खुशी जाहिर की है। साथ ही उन्होंने कहा कि अपने अथक मेहनत और प्रयास से उसने जो जगह बनाई वह काबिले तारीफ है।

मुकेश जिले के काकड़कुंड गांव निवासी स्वर्गीय काशीनाथ सिंह का सबसे छोटा बेटा है। मुकेश दो भाई और चार बहनों में सबसे छोटा है। स्नातक तक की है पढ़ाई पूरी की है। मुकेश ने बताया एक एक्सिडेंट ने मेरी तकदीर बदल दी। क्योंकि वर्ष 2010 -11 में एक्सीडेंट के शिकार हो गए, जिसके बाद पिता द्वारा कलकत्ता बुला लिया गया और वही से क्रिकेट का नया अध्याय शुरू हुआ। इस दौरान बंगाल टीम में 2014 में शामिल हुआ और रणजी ट्राफी के लिए हरियाणा के लाली ग्राउंड में वर्ष 2015 में वीरेंद्र सहवाग का विकेट लिया। मुकेश ने बताया कि मेरे मार्गदर्शक व कोच राणा देव बोस व जॉयदीपमुखर्जी ने काफी सहयोग किया।

मुकेश अपने शुरुआती दिनों के बारे में बताते है कि उन्हें क्रिकेट के प्रति लगाव इतनी थी कि वह साइकिल द्वारा 15 से 20 किलोमीटर चल जाते थे। सुबह ब्रेक फास्ट कर खेलने चले जाते थे। नाही नाही खाना की चिंता और नाही पीने की सिर्फ क्रिकेट खेलने की चिन्ता थी। उन्होंने अपने शुरुआती दिनों के कोच अमित सिंह के बारे में बताया कि उनके द्वारा मुझे काफी मदद मिली कभी बाहर से खेल कर आते तो रात होने पर उन्ही के पास रह जाते जब भी हताश होता उनके द्वारा हौसला देकर एनर्जी भर दिया जाता था।

बता दें कि मुकेश दाहिने हाथ के तेज गेंदबाज है। वर्ष 2001 से जिले के मिंज स्टेडियम से खेलने की शुरुआत की। हेमन ट्राफी कप्तान व बिहार अंडर 19 टीम के खिलाफ सत्यपाल नवरोतम ने बताया कि। वर्ष 2005 -6 में प्रतिभा की तलाश क्रिकेट प्रतियोगिता में मुकेश किं प्रतिभा देखी गई। इसके बाद उसकी प्रतिभा बढ़ती गई। वर्ष 2009- 10 में बिहार अंडर 19 टीममें बीसीसीआई द्वारा बनाये गए कमिटी में खिलाड़ी भी रहे। बिहार की मान्यता नही रहने के कारण बंगाल से ही क्रिकेट खेलने का मन बना लिया। पिछले साल आईपीएल ऑक्शन में भी नाम आया था।

वही परिजनों ने बताया कि मुकेश बचपन से ही क्रिकेट के प्रति काफी लगाव रखता था। कभी हार नहीं मानने की जिद और अथक परिश्रम के बदौलत उसने खुद से अपनी मेहनत कर जगह बनाई है। विभिन्न जगह क्रिकेट मैच खेलकर कई टॉफी भी जीती है। उसकी क्रिकेट के प्रति इतनी लगाव थी कि वह सुबह से लेकर साम तक क्रिकेट ही खेलते रहता था। कई बार परिजन उसे उसकी यह लगाव देख कर डांट फटकार भी लगाया करते थे। बावजूद परिजनों से छुप कर वह क्रिकेट खेलने निकल जाता।

मुकेश की मां ने बताया कि आज काफी खुश हूं कि मेरा बेटा क्रिकेट में नाम कमा रहा है और जो सोच थी वो सोच पूरी हो गई। विदेश में जाकर क्रिकेट खेलेगा। वही मुकेश के चाचा ने बताया कि पूर्व में माली हालत अच्छी नहीं थी जिसके कारण मुकेश चाह कर भी आगे की पढ़ाई नहीं कर पाया। किसी तरह स्नातक तक की पढ़ाई पूरी किया । इसी बीच वह कोलकाता चला गया जहां उनके पिता टैक्सी चलाते थे वही पर रहकर क्रिकेट खेलने लगा और आज उसकी सफलता सब के सामने है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected By Awaaz Times !!