गोपालगंज: स्कूल के पास अपना भवन नहीं होने के कारण खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर मासूम बच्चे
गोपालगंज के कुचायकोट प्रखंड के रामपुर खरेया भुअला गांव में स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय का हाल बेहाल है। विद्यालय भवनहीन होने के कारण विद्यालय की फाइलें और बच्चों के नामांकित रजिस्टर शौचालय में रखकर स्कूल संचालित किया जाता है। साथ ही खुले आसमान के नीचे बच्चे पढ़ाई करने को बाध्य होते हैं, लेकिन इस पर नाही शिक्षा विभाग की नजर जाती है और ना ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों की। हांलाकि ब्लॉक प्रमुख बबली सिंह ने भी इस पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि बच्चो के भविष्य वे साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। शौचालय में समान रखना और मिड डे मील वर्षो से संचालित नही होना जांच कर कार्यवाई होनी चाहिए। फिलहाल यहां के बच्चे अपने आप को ठगा सा महसूस करते हैं।
सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सुशासन बाबू के नाम से खुद के पीठ थपथपाते हुए हमेशा नजर आते हैं। शिक्षा व्यवस्था के बेहतरी के कई दावे पेश करते हैं, लेकिन शिक्षा की स्थिति किस हालात में है इन तस्वीरों को देखने से साफ अंदाजा लग सकता है, क्योंकि जिस शिक्षा व्यवस्था की बेहतरी के दावे की जाती है वह शिक्षा व्यवस्था इस विद्यालय में दम तोड़ती हुई नजर आती है।
स्कूल के बच्चों ने बताया कि विद्यालय भवन हीन होने के कारण आंधी पानी और जीव-जंतुओं से हमेशा डर बना रहता है। बारिश होने के बाद स्कूल बंद कर दिए जाते हैं। फिलहाल इस विद्यालय में 23 छात्र नामांकित है जबकि 4 शिक्षक अपना योगदान देते है लेकिन दो ही शिक्षक बच्चो को पढ़ाने आते है। इतना ही नही इस विद्यालय में वर्षो से मिड डे मील भी नही बनता।
वही शिक्षिका ने बताया कि भवन नही होने से काफी समस्या होती है। ज्यादा आंधी पानी होने पर बच्चो की छुट्टी कर दी जाती है मामूली बारिश में इधर उधर पढ़ाया जाता है। इसके अलावे उन्होंने कहा कि चावल व समान मंदिर में रखा जाता है, लेकिन तस्वीरों में शौचालय नजर आता है।
जबकि इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकिशोर शर्मा ने बताया कि ऐसे स्कूल जो भवन हीन है उन्हें पास के विद्यालय में शिफ्ट करने का निर्देश दिया गया है बावजूद ये क्यों नही शिफ्ट हुआ है उसकी जांच की जाएगी।
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