गोपालगंज

गोपालगंज: पुलिस मुखबिर बताकर शराब धंधेबाजों ने की अंधाधुंध फायरिंग, एक महिला की मौत, 7 घायल

गोपालगंज में बेखौफ अपराधियों ने पुलिस का मुखबिर बताकर महिला समेत तीन लोगों को गोली मार दी। जबकि चार लोगों को चाकू और धारदार हथियार से जख्मी कर दिया गया। घटना उचकागांव थाना क्षेत्र के जमसड़ हाता गांव की है. मृतक महिला का नाम टुन्नी देवी है, जो शंभू पटेल की पत्नी थी। वहीं, राजू पटेल, मुकेश पटेल, भद्रासन पटेल, विक्की पटेल गुड़िया देवी गंभीर रूप से घायल हो गयीं। परिजनों के मुताबिक राजू पटेल और मुकेश पटेल को भी गोली लगी है। दोनों की हालत गंभीर बताई जा रही है। डॉक्टरों ने सदर अस्पताल से मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया है। वहीं अन्य घायलों का सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ही इलाज चल रहा है।

दरअसल बिहार में शराबबंदी कानून लागू है और शराब बेचना और शराब की तस्करी करना दोनों कानूनन अपराध है। लेकिन इस इलाके में शराब माफिया पुलिस से बेखौफ होकर शराब माफिया शराब का धंधा कर रहे हैं। शराब माफियाओं को जब-जब किसी पर मुखबिरी का शक हुआ उसपर हमला किया। 18 अगस्त की रात भी शम्भू पटेल के परिवार में साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। मृतक महिला के पुत्र विक्की पटेल का आरोप है कि इलाके के शराब माफिया काफी दिनों से सक्रिय होकर शराब का धंधा करते हैं। जो विरोध करता है उन्हें गोली मार देते हैं। एक माह पहले भी शंभू पटेल के परिवार के साथ शराब मुखबिरी का आरोप लगाकर हमला किया गया था। उसके पहले गांव के ही एक युवक पर जानलेवा हमला किया गया था। मामले में पीड़ित परिवार की ओर से थाने में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी, लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। लिहाजा शराब माफियाओं का मनोबल और बढ़ता गया।

गोपालगंज के पुलिस कप्तान आनंद कुमार भी मान रहे हैं कि जिन लोगों पर गोली चलाने का आरोप है कि उनका पूर्व से अपराधिक इतिहास रहा है। कुख्यात मन्नू पटेल और सूरज पटेल पर शराब के तीन केस और जानलेवा हमले के केस दर्ज हैं। हाल ही में जेल से दोनों बारह निकले थे और फिर खूनी खेल खेला। एसपी के मुताबिक तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसमें एक महिला भी शामिल है। बाकी के अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।

अब सवाल उठता है कि शराबबंदी वाले बिहार में शराब की तस्करी की सूचना देना क्या गलत है। अगर सूचना देनेवालों की ऐसे ही हत्या होगी, तो पुलिस को शराब बिक्री की सूचना कौन देगा। जबकि सरकार लोगों से अपील करती है कि शराब बिक्री की सूचना दीजिए। दूसरा सवाल है कि शराब माफियाओं का इतना मनोबल कैसे बढ़ गया कि खाकी का खौंफ ही खत्म हो गया। अगर पुलिस और सरकार ऐसे मामलों को गंभीरता से लेकर कार्रवाई नहीं करती है तो बिहार में शराब माफिया ऐसे ही खूनी खेल खेलते रहेंगे।

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