गोपालगंज: नियमित दवा सेवन से सोनी ने टीबी को दी मात, टीबी की लड़ाई में परिवार ने दिया साथ
गोपालगंज: सोनी कुमारी (बदला हुआ नाम) उम्र 15 वर्ष है। वह उसरी पंचायत की रहने वाली है। उसने दसवीं तक शिक्षा पूरी की है। सोनी को वर्ष 2021 में बुखार, खांसी एवं सीने में दर्द हुआ था। उसका पास के डॉक्टर से इलाज हुआ था लेकिन स्वास्थ्य में किसी भी तरह से सुधार नहीं हुआ तो वह दिघवा दुबौली के प्राइवेट हॉस्पिटल में डॉक्टर के पास गयी थी। वहां डॉक्टर ने एक्स-रे एवं बलगम जांच करवाए और इलाज भी किए । दवा काफी महंगी थी। प्रत्येक माह की दवा का खर्च 6000 से 7000 रुपया हो रहा था। सोनी कुमारी के भाई के मित्र बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैकुंठपुर में टीबी की जांच और इलाज बिल्कुल मुफ्त में होता है। साथ ही दवा भी निःशुल्क दी जाती है। सोनी कुमारी के परिवार के लोग बेहतर उपचार के लिए उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैकुंठपुर लेकर गए। वहां समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सोनी के बलगम की जांच हुई और एक्सरे भी हुआ था। डॉक्टर ने रिपोर्ट देखने के बाद बताया कि टीबी पॉजिटिव है। घबराने की कोई बात नहीं है। छ: माह दवा खाने के बाद पूरी तरह से स्वस्थ्य हो जाएगी। सोनी कुमारी दवा गैप न करते हुए 6 माह तक लगातार दवा का सेवन करती रही थी।
छह माह बाद पूरी तरह से स्वस्थ्य हो गयी सोनी: सोनी कुमारी 6 माह तक दवा खाने के बाद अपने स्वास्थ्य को चेकअप करवाने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैकुंठपुर गई थी। डॉक्टर ने सोनी कुमारी के बलगम की जांच करवाई। टीबी की रिपोर्ट निगेटिव आयी थी। डॉक्टर ने सोनी कुमारी को बताया कि अब आपको दवा खाने की कोई जरूरत नहीं है । आप पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं।
कोरोना की तरह टीबी में सावधानी बरतनी जरूरी: सोनी कुमारी की मां बताती है कि मेरे परिवार में किसी भी सदस्य को टीबी नहीं था। मेरे मायके में भी परिवार के किसी भी सदस्य को टीबी नहीं हुआ था। फिर भी हमारी बेटी सोनी टीबी पॉजिटिव हो गई थी। टीबी किसी को भी हो सकता है। टीबी का इलाज समय से करवाने के साथ गैप न करते हुए दवा का सेवन कोर्स समाप्त करने से टीबी ग्रसित व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ्य हो जाता है। सोनी कुमारी बताती है कि जब मेरी रिपोर्ट टीबी पॉजिटिव आयी थी तो टीबी का संक्रमण दूसरे व्यक्ति में न फैले इसलिए मैं स्वयं से सावधानी बरतती थी। मैं बहुत ही कम लोगों से मिलती थी। मैंने भोजन करने के बर्तन और पानी पीने के ग्लास को अलग कर लिया था।
निक्षय योजना के तहत हर माह 500 रुपये: क्षय रोगियों को पोषित करने के लिए पोषण स्कीम शुरू की गयी है। जिसके तहत रोगियों को हर माह पोषण के लिए 500 रुपया दिया जाता है। किसी भी व्यक्ति को टीबी होना शर्म या भेदभाव का विषय नहीं है। टी बी को छिपाने या उचित उपचार नहीं लेने से रोगी की तबीयत बिगड़ सकती है। उपचार लंबा हो सकता है जिससे रोगी को और कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। ऐसा माना जाता है कि मास्क लगाने से टीबी के संक्रमण को रोकने में मदद मिलती है। क्योंकि मास्क लगाने से संक्रमित बूंदें हवा में नहीं फैल पाती हैं। टीबी से संक्रमित व्यक्ति को मास्क पहनना चाहिए जिससे टीबी के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। टीबी का उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं सदर अस्पताल गोपालगंज में निःशुल्क किया जाता है।