गोपालगंज सांसद ने लोकसभा में उठाया थावे मंदिर का मुद्दा, ‘प्रसाद योजना’ से जोड़ने का किया मांग
गोपालगंज के ऐतिहासिक थावे दुर्गा मंदिर अब केंद्र सरकार की ‘प्रसाद योजना’ से जुड़ जायेगा. केंद्र सरकार ने गोपालगंज के सांसद सह जेडीयू के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ आलोक कुमार सुमन की मांग पर पहल शुरू कर दी है. सांसद ने सोमवार को लोकसभा में थावे मंदिर का मुद्दा उठाया. सांसद ने कहा कि थावे शक्ति पीठ का ऐतिहासिक महत्व है. बिहार ही नहीं देशभर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं.
सांसद ने केंद्रीय पर्यटक मंत्री से कहा कि थावे धार्मिक पीठ को पर्यटक विभाग की ‘प्रसाद योजना’ से जोड़ी जाये. थावे शक्ति पीठ न सिर्फ बिहार बल्कि उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में प्रसिद्ध है. चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रसाद योजना की शुरुआत की है. जिससे राज्यों को टूरिज्म का बढ़ावा मिले. इस योजना के तहत थावे दुर्गा मंदिर को शामिल की जाये, ताकि पर्यटकों को बढ़ावा मिले और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मिल सके.
थावे का है ऐतिहासिक महत्व : गोपालगंज जिला मुख्यालय से छह किलोमीटर दूर सीवान जानेवाले एनएच 531 पर स्थित थावे प्रखंड में थावेवाली का प्राचानी मंदिर है. मां थावेवाली को सिंहासिनी भवानी, थावे भवानी और रहषु भवानी के नाम से भी भक्त पुकारते हैं. वैसे तो यहां सालों भर श्रद्धालु आते हैं मगर चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र में यहां गजब का नजारा होता है. लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. मान्यता है कि मां अपने भक्त रहषु के बुलावे पर असम के कमाख्या स्थान से चलकर थावे पहुंची थीं और रहषु के मस्तक को विभाजित करते हुए साक्षात दर्शन दिए थे.
पर्यटक आयेंगे, लोगों को मिलेगा रोजगार : देश की 52 शक्तिपीठों में से एक इस मंदिर के पीछे एक प्राचीन कहानी. जिसे केंद्र सरकार अब पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिए ‘प्रसाद योजना’ में शामिल करने जा रही है. थावे मंदिर के मुख्य पुजारी हरेंद्र पांडेय ने कहा कि सांसद ने अच्छी पहल की है. थावे भवानी के भक्तों को केंद्र सरकार से काफी उम्मीदें हैं. वहीं थावे समेत स्थानीय लोगों में काफी खुशी है, क्योंकि पर्यटक योजना से जुड़ने पर देशभर से पर्यटक आयेंगे और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा.
क्या है प्रसाद योजना : सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन ने बताया कि भारत सरकार ने पर्यटन मंत्रालय के तहत वर्ष 2014-2015 में पीआरएएसएडी (प्रसाद) योजना शुरू की थी. प्रसाद योजना का पूर्ण रूप ‘तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्द्धन अभियान’ है. यह योजना धार्मिक पर्यटन अनुभव को समृद्ध करने के लिए पूरे भारत में तीर्थ स्थलों को विकसित करने और पहचान करने पर केंद्रित है. इसी योजना के तहत थावे शक्ति पीठ को जोड़ने की मांग की गयी है.