गोपालगंज

गोपालगंज सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बदलेंगे दिन, निजी अस्पतालों के तर्ज पर मिलेगी सुविधाएं

गोपालगंज सदर अस्पताल के आपातकालीन कक्ष मरीजों को अब निजी अस्पतालों के जैसी सभी सुविधाएं मिलेंगी। यह परिवर्तन स्वास्थ्य विभाग एवं सहयोगी संस्था केयर इंडिया के द्वारा हो पाया है। इसको लेकर गुरूवार को राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. बी.के. मिश्रा के द्वारा आपातकालीन कक्ष का भ्रमण किया गया। जिसमे केयर इंडिया के द्वारा किए जा रहे इस नवीकरण कार्य को बारीकियों के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिया गया एवं सभी संबंधित कर्मचारियों को कार्य की गुणवत्ता बनाये रखने हेतु निर्देशित किया गया।

इस संबंधित उप विकास पदाधिकारी एवं जिला के अन्य उच्चाधिकारियों से मुलाकात कर आवश्य सहयोग हेतु निर्देशित किया गया। इस आपातकालीन कक्ष का उदघाटन मार्च महीने के पहले सप्ताह में स्वास्थ्य मंत्री बिहार सरकार मंगल पाण्डेय एवं स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार के अन्य उच्चाधिकारियों द्वारा होना संभावित है। इस मौके पर राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी ने बताया कि अब आपातकालीन कक्ष को तीन विभिन्न कक्ष में बांटा गया है। पहला आपातकालीन कक्ष में जाते ही आपको सबसे पहले नवनिर्मित ट्राएज कक्ष जो दो बेड का है उसमें भर्ती कराना होगा जिस में मरीजों की वर्तमान स्थिति को देखा जाएगा उसके बाद मरीज की स्थिति के अनुसार ग्रीन जोन,येलो जोन तथा रेड जोन में इलाज के लिए भेजा जाएगा। जोन के अनुसार मरीजो को बांटने से मरीज के परिजनों को भी मरीज की गंभीरता का पता चलेगा और आपातकालीन विभाग के कर्मियों को भी मरीज के इलाज में सहूलियत होगी। जिससे यहां महिला मरीज के साथ साथ अन्य मरीज की गोपनीयता बनी रहेगी। वही बेड पर मरीज के साथ अन्य लोगों की भीड़ भी नहीं लगेगी। निरीक्षण के बाद राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी ने उपविकास आयुक्त के बैठक कर स्थिति से अवगत कराया।

केयर इंडिया के डीटीएल मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि पहले आपातकालीन कक्ष में अत्याधुनिक मशीन की काफी कमी थी। लेकिन अब उस कमी को काफी हद तक दूर कर लिया गया है। वही शेष मशीनों को भी लगाने के लिए प्रकिया शुरू कर दी गई है। इतना ही नहीं आपातकालीन कक्ष में अब मॉनिटर,ईसीजी मशीन व अन्य उपकरण भी लगाए गए है। इसके अलावा भी कई उपकरण लगना बाकी है। जो मरीज के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। साथ ही साथ अब आपातकालीन कक्ष में भर्ती मरीजों के पल – पल की स्तिथि का भी आकलन किया जा रहा है। जिसमे भर्ती के समय मरीज की क्या स्थिति थी और उन्हें इलाज के दौरान क्या सलाह दिया गया और कौन सी दवा दि गई? यह सब लिखा जाता है। संस्थान के चिकित्सक उनका हिस्ट्री देख कर समझ जाते है कि क्या हुआ और क्या इलाज हुआ।

तीन शिफ्ट में केयर इंडिया के द्वारा सफाई कर्मी एवं वार्ड बॉय की ड्यूटी लगाई गई है। जो इस कक्ष को सुरक्षित रखने के साथ-साथ मरीजों को भी बेहतर सहयोग की जा रही है। केयर के देख -रेख में संचालित आपातकालीन कक्ष में मरीज को रेफर करने से पूर्व उसे बेहतर इलाज देने व उसे बचाने का हरसंभव प्रयास किया जाता है। स्तिथि इतनी अच्छी हो गई है कि मरीजों को मिलने वाली सभी सुविधाए उपलब्ध कराई जा रही है जिसके कारण रेफर होने वाले मरीजों की संख्या में काफी गिरावट आई है।

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