गोपालगंज

गोपालगंज: परिवार नियोजन के साधनों के इस्तेमाल को लेकर आयी जागरूकता, 48.% का हुआ इजाफा

गोपालगंज: जनसंख्या स्थिरीकरण के उद्देश्य से परिवार नियोजन के लिए चलाए जा रहे अभियान का असर दिखने लगा है। बीते पांच साल के दौरान जिले में परिवार नियोजन के प्रति महिलाओं व पुरुषों में जागरूकता बढ़ी है। परिवार नियोजन की सेवाओं और योजनाओं को समुदाय के हर लाभार्थी तक पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है। विभाग की पूरी कोशिश है कि अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को भी सही तरह से समाज तक पहुंचाएं। जिले में महिलाओं के बीच परिवार नियोजन के साधनों के इस्तेमाल में काफी बढ़ोतरी हुई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार गोपालगंज में 57.3 प्रतिशत महिलाएं परिवार नियोजन के किसी न किसी साधन का इस्तेमाल कर रहीं हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 4 के अनुसार यह आंकड़ा मात्र 9 प्रतिशत था। पांच वर्षों में 48.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह आंकड़ा बिहार राज्य से भी अधिक है। बिहार में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार 55.8 प्रतिशत महिलाएं परिवार नियोजन के किसी न किसी साधन का प्रयोग करती हैं। जो राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार यह आंकड़ा 24.1 प्रतिशत था। अगर पूरे देश की बात करें तो राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार 66.7 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार 53.4 था। यानि जिले में देश और राज्य से भी अधिक सुधार हुआ है। महिलाओं में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता आयी है।

परिवार कल्याण कार्यक्रम को लेकर सरकार सजग: परिवार कल्याण कार्यक्रम को लेकर विभाग सजग है। इसको लेकर समय-समय पर अभियान भी चलाया जाता है। सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों परिवार नियोजन की सभी सेवाएं नि:शुल्क उपलब्ध है। इसके साथ प्रोत्साहित करने के लिए मिशन विकास परिवार शुरू किया था। जिसके तहत गर्भनिरोधक साधनों के प्रति आम लोगों को जागरूक करने पर बल दिया गया है। इसके लिए आशा एवं एएनएम को प्रोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि का भी प्रावधान किया गया है। पहले जहां महिला एवं पुरुष नसबंदी के लिए उत्प्रेरक को 300 रुपये दिये जाते थे, अब प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर प्रति महिला नसबंदी 400 रुपये दिए जा रहे हैं। परिवार नियोजन के कार्यक्रम को सफल बनाने में केयर इंडिया की टीम भी सहयोग कर रही है।

क्या कहते हैं अधिकारी: अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. के के मिश्रा ने कहा कि बेहतर प्रजनन स्वास्थ्य एवं जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए परिवार नियोजन साधनों की उपयोगिता महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसको लेकर सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम भी चलाये जा रहे हैं। लेकिन सरकारी प्रयासों के इतर सामुदायिक सहभागिता भी परिवार नियोजन कार्यक्रमों की सफलता के लिए बेहद जरूरी है।

आशा कार्यकर्ताओ की भूमिका महत्वपूर्ण: परिवार नियोजन के प्रति समुदाय में महिलाओं और पुरुषों को जागरूक करने में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर महिलाओं को परिवार नियोजन के फायदों के बारे में जानकारी देती हैं। इसके साथ परिवार के अस्थायी साधनों को घर तक पहुंचाने में अपना सहयोग देती हैं। जागरूकता से हीं यह बदलाव संभव हो सका है। किसी भी कार्यक्रम को सफल बनाने में जागरूकता जरूरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected By Awaaz Times !!