गोपालगंज: डेंगू से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, सदर अस्पताल में जांच की सुविधा उपलब्ध
गोपालगंज में डेंगू से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार और अलर्ट है। इसको लेकर आवश्यक तैयारी पूरी की गयी है। ऐसे में जहां पर भी डेंगू के मरीज मिल रहे हैं वहां पर लार्विसाइडल का छिड़काव व फॉगिंग करायी जा रही है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. हरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि जिले में अभी तक एक भी डेंगू के मरीज नहीं पाये गये हैं। इससे बचाव के लिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। डेंगू के जांच के लिए सदर अस्पताल सुविधा उपलब्ध है। आरडीके किट के माध्यम से जांच की सुविधा है। इसके साथ संदिग्ध मरीजों का ब्लड सैंपल लेकर पटना भी भेजा जाता है। सदर अस्पताल में डेंगू वार्ड भी बनाया गया है। ताकि चुनौतियों से निपटा जा सके। उन्होने बताया कि शहरी क्षेत्र में नगर परिषद के द्वारा फॉगिंग करानी है।
सिविल सर्जन डॉ. योगेंद्र महतो ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए हर शख्स का जागरूक होना जरूरी होता है। घर में या घर के आसपास बरसात के कारण जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई हो तो फ़िर यह डेंगू बुखार के लिए आमंत्रण का स्वरूप है। आजकल का मौसम भी डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर के अनुकूल है। मौसम ठंडा होने पर मच्छर लगने शुरू हो जाते हैं। घर में मच्छर रोधी स्प्रे सहित सफाई करते रहें। छोटे-छोटे नौनिहालों का शरीर पूरी तरह कपड़े से ढकने की जरूरत होती है। घर से बाहर खेलने के लिए भेजना हो तो हाथ व पैरों पर मच्छर रोधी क्रीम लगाने के बाद ही भेजने का प्रयास करना चाहिए। ताकि बच्चों की जिंदगी सुरक्षित एवं बीमारियों से राहत मिले। रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग आवश्यक रूप से करना चाहिए। इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर इस बीमारी के उपचार में पारासिटामोल सबसे बेहतर दवा है। यदि किसी व्यक्ति को पूर्व में डेंगू हो चुका है तो उन्हें अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। वैसे व्यक्तियों को दोबारा डेंगू बुखार की शंका होने पर तुरंत सरकारी अस्पताल से संपर्क करना चाहिए।
सिविल सर्जन ने कहा कि सदर अस्पताल में डेंगू और चिकनगुनिया की जांच के लिए किट और इलाज की निःशुल्क व्यवस्था उपलब्ध है। यदि किसी ब्यक्ति को डेंगू या चिकनगुनिया का थोड़ा भी लक्षण महसूस हो तो वो तत्काल सदर अस्पताल आकर अपनी जांच करवा लें और जांच में लक्षण पाए जाने पर यहीं इलाज भी करवाएं ताकि उनके बेहतर इलाज की सही समय पर सही रिपोर्टिंग हो सके। उन्होंने बताया कि जिला में यदि कहीं भी डेंगू या चिकनगुनिया का मरीज चिह्नित होता है तो उसके घर के 500 मीटर की परिधि में टेक्निकल मलाइथिऑन की फॉगिंग करायी जा रही है।
डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षण :
- तेज बुखार, बदन ,सर एवं जोड़ों में दर्द
- त्वचा पर लाल धब्बे/चकते का निशान
- नाक, मसूड़ों से उल्टी के साथ रक्त स्राव होना
बचाव के लिए इन जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी:
- घर में साफ-सफाई पर ध्यान रखें और कूलर, गमले का पानी रोज बदलें
- सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें और दिन में मच्छर भागने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें
- पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहने एवं कमरों की साफ़-सफाई के साथ उसे हवादार रखें
- आस-पास गंदगी जमा नहीं होने दें और गंदगी वाले स्थानों पर कीटनाशक का प्रयोग करें
- खाली बर्तन एवं सामानों में पानी जमा नहीं होने दें और इकठ्ठे हुए पानी में किरोसिन तेल डाले
- डेंगू के लक्षण मिलने पर तुरंत ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें