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क्या हुआ था 25 साल पहले की उस मनहूस रात को

21 मई 1991 की मनहूस रात। समय 10 बजकर 21 मिनट। तमिलनाडु के श्री पेरंबदूर रैली के दौरान मंच से 10 मीटर दूर एक धमाका हुआ। कुछ पल को जैसे सबकुछ थम गया हो। जब तक मंजर साफ होता वहाँ चिथड़े बिखरे पड़े थे। बिखरे पड़े मांस के लोथड़ों में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का शव भी था। आज उस मनहूस को बीते 25 साल हो चुके हैं।

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या को आज पच्चीस साल पूरे हो गए। 25 साल पहले तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में उन्हें उस वक्त बम से उड़ा दिया गया था जब वो एक चुनावी रैली को संबोधित करने जा रहे थे। रैली में उत्साह का माहौल था। मंच पर सांस्कृतिक गीत गाए जा रहे थे। तभी रैली के आयोजक ए.जे. दौस ने गाना रुकवाकर माइक से घोषणा की किसी भी वक्त राजीव गांधी रैली स्थल पर पहुँच सकते हैं। स्वागत में जिसकी ड्यूटी है वो रेड कार्पेट पर पहुँच जाए। रात तकरीबन 10 बजकर 15 मिनट पर राजीव गांधी रैली स्थल पर पहुँचे। वे कार की अगली सीट पर बैठे थे। उन्होंने कार से उतरते ही लोगों का अभिवादन करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे वो मंच की ओर बढ़ने लगे। मंच से दस मीटर पहले ही मानव बम धनु ने उन्हें माला पहनानी चाही तो सब इंस्पेक्टर अनुसुइया ने उसे रोक दिया।

राजीव गांधी ने उसे देखा तो आने देने को बोला। अनुसुइया ने मानव बम धनु को राजीव गांधी के पास जाने की अनुमति दे दी। धनु ने राजीव गांधी को माला पहनाई। उस वक्त दस बजकर बीस मिनट हो चुके थे। राजीव गांधी के पैर छूने के लिए मानव बम धनु जैसे ही झुँकी अपने कमर से बँधे बम का बटन दबा दिया। एक तेज धमाका हुआ और फिर सबकुछ सुन्न हो गया।

धमाके के वक्त कुछ दूरी पर गल्फ न्यूज की संवाद्दाता नीना गोपाल राजीव गांधी की सहयोगी सुमन दुबे से बात कर रही थीं। बीबीसी ने अपने एक लेख में नीना के हवाले से लिखा है कि, “मुझे सुमन से बातें करते हुए दो मिनट भी नहीं हुआ था कि मेरी आंखों के सामने बम फटा. मैं आमतौर पर सफ़ेद कपड़े नहीं पहनती. उस दिन जल्दी जल्दी में एक सफ़ेद साड़ी पहन ली. बम फटते ही मैंने अपनी साड़ी की तरफ़ देखा. वो पूरी तरह से काली हो गई थी और उस पर माँस के टुकड़े और ख़ून के छींटे पड़े हुए थे. ये एक चमत्कार था कि मैं बच गई. मेरे आगे खड़े सभी लोग उस धमाके में मारे गए थे.”

जब धुआँ छँटा तो राजीव गांधी की तलाश शुरू हुई। माँस के लोथड़ों के बीच राजीव गांधी का पैर दिखाई जिसमें उन्होंने लोट्टो का जूता पहन रखा था। उनका हाँथ भी दिखा जिसमें गुच्ची की घड़ी बँधी थी। उनका शरीर औंधे मुँह पड़ा था और सिर फट चुका था। उस मंजर को देखकर हर व्यक्ति द्रवित हो उठा।

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