गोपालगंज: नाव हादसे के 24 घंटा बीत जाने के बाद भी 4 वर्षीय मासूम का बरामद नहीं हो सका है शव
गोपालगंज में कुचायकोट प्रखंड के रंणजीता कारतानाथ मंदिर के पास सोता नदी में सोमवार को हुए नाव हादसे के दुसरे दिन गांव में चूल्हा नहीं जला। मॄतकों के गावों मे मातमी सन्नटा पसरा हुआ था। गांव की सड़के व गलियां कल तक गुलजार थी। नाव हादसे मे हुए मौत के बाद से विराना हो गइ है। लोगों के जुबान से बस एक ही बात निकल रही थी कि काश बच्चे नाव पर सवार नही हुए होते तो आज यह हालात देखने को नही मिलता। मंगलवार की सुबह चारों मॄतकों के शव को लेकर अंतिम संस्कार के लिए परिजन निकले तो चार गावों के लोगों के आखों से आंसू छलक आए।
विदित हो कि सोमवार को रमजीता कारता नाथ मंदिर के समीप स्थित सोता नदी में अनियंत्रित नाव होने से एक महिला व चार बच्चों की मौत पानी मे डूबने से हो गई थी। सात बच्चों को स्थानीय ग्रामीणों ने नदी से निकाला लिया था। मृतकों में कुचायकोट थाने के हाता मठिया गांव के बृजेश गुप्ता की 25 वर्षीय पत्नी पुष्पा देवी, विश्वभरपुर थाने के रामपुर मुकुंद गांव के बम बहादुर के 14 वर्षीय पुत्र अकाश कुमार, विनोद मटिहानिया गांव की नंद किशोर महतो के 12 वर्षीय पुत्र पवन महतो व मटिहनिया सलेहपुर गांव के रामेश्वर राम का 12 वर्षीय बेटा गोलू कुमार था। नाव पर एक महिला सहित 12 बच्चे सवार थे। जबकि एक बच्ची अभी भी लापता है। घटना के 24 घंटा बीत जाने के बाद भी 4 वर्षीय मासूम का शव बरामद नहीं हो सका है।
बताया जाता है कि जिस नाव से हादसा हुआ है। उस नाव को लोगों की जान बचाने के लिए किसी दानदाता कर दान दिया गया था। यानी कर्तानाथ मंदिर के समीप इस नाव को बांधकर रखा गया था। ताकि आपातकाल में इस नाव से कोई हादसा होने डूबने वालो को बचाया जा सके। लेकिन यह नाव खुद हादसे का शिकार हो गई।
वहीं नाव हादसे में मारे गए मृतकों के परिजनों को अनुग्रह अनुदान राशि दी गई। कुचायकोट सीओ उज्जवल कुमार चौबे ने प्रति परिवार के सदस्यों को चार- चार लाख की अनुदान अनुग्रह राशि का चेक दिया।