शहाबुद्दीन के करीबी ने उगला, पत्रकार की हत्या का आदेश जेल से मिला था
बिहार के सीवान में हिंदुस्तान अखबार के ब्यूरो प्रमुख राजदेव रंजन हत्याकांड में एक अहम जानकारी सामने आई है। पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए उपेंद्र सिंह ने कुबूला है कि पत्रकार की हत्या के लिए 15 दिन पहले जेल से आदेश मिले थे। इस जानकारी के बाद राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं क्योंकि उस वक्त शहाबुद्दीन जेल में था। शहाबुद्दीन सीवान जेल में ही आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है। यह अहम जानकारी टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के हवाले से कह रहे हैं।
उपेंद्र को शहाबुद्दीन का पुराना शूटर माना जाता है। उपेंद्र भाजपा के श्रीकांत भारती हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। उसे जून 2015 में गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में वो जमानत पर रिहा हो गया था। पत्रकार की हत्या के मामले में उपेंद्र से पिछले दो दिनों से पुलिस पूछताछ कर रही है। पुलिस अब उन तीन अपराधियों की तलाश में लग गई है जिन्हें कथित रूप से रंजन की हत्या का आदेश दिया गया था। रंजन ने पुलिस को बताया कि इन तीन में से एक व्यक्ति ने उससे भी हत्या के लिए इंतजाम करने के लिए संपर्क किया था। उपेंद्र का दावा है कि उसने इस व्यक्ति की मदद करने से मना कर दिया।
सिवान के एसपी सौरभ शाह का भी मानना है कि रंजन की हत्या सुनियोजित साजिश थी। यह साजिश 15 दिन पहले ही रची गई थी। पुलिस यह भी दावा कर रही है कि जल्द ही इस हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया जाएगा। इससे पहले बिहार में विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि शहाबुद्दीन पत्रकार से खुन्नस में था। पत्रकार राजदेव रंजन ने ही मंत्री अब्दुल गफूर की शहाबुद्दीन से जेल में मुलाकात की तस्वीरें छापी थी।
पत्रकार की हत्या शुक्रवार को की गई थी। यह हत्या तब हुई जब वो अपने कार्यालय से घर जा रहे थे। मोटरसाइकिल से आए दो हमलावरों ने उनके सिर और गर्दन में गोलियाँ दाग दी थी। इस मामले में पुलिस सक्रिय है और तेजी से गिरफ्तारियाँ और पूछताछ कर रही है। सुशील कुमार मोदी और पत्रकार की पत्नी ने इस केस की जाँच सीबीआई से कराने की माँग की है।