गोपालगंज में अब घर बैठें पाएं डॉक्टरी की सलाह, डाउनलोड करें ई-संजीवनी ओपीडी मोबाइल एप
गोपालगंज: कोरोना वायरस का संक्रमण कम जरूर हुआ है लेकिन खत्म नहीं हुआ है। कोविड प्रोटोकॉल का पालन ही इससे बचाव का रास्ता है। ऑनलाइन सेवाओं के तहत स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर्स के चक्कर लगाने की तनाव ( टेंशन) को भी खत्म कर दिया है। इसके जरिए घर से बाहर जाने की बजाय ओपीडी की सेवाओं का घर बैठे ही लाभ उठाया जा सकता है। ई-संजीवनी एप के जरिए टेलीमेडिसिन सेवा को विस्तार दिया गया है। अस्पतालों में सोशल डिस्टेंसिंग और भीड़ को कंट्रोल करने उददेश्य से सेवा लागू की गई है। स्वास्थ्य विभाग ने अब इस मोबाइल एप को आम जनता के लिए भी शुरू कर दिया है।
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम धीरज कुमार ने बताया कि ई-संजीवनी एप या वेबसाइट के जरिए मरीज खुद का रजिस्ट्रेशन करके ओपीडी सेवा ले सकता है। इसमें जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी, मेडिकल कॉलेज व प्राइवेट डॉक्टर्स को रजिस्टर किया गया है । मरीजों को डॉक्टर्स का पूरा टाइम और सही कंसल्टेशन मिले इसके लिए पूरा ध्यान रखा गया है। कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर, एएनएम को भी इसमें रजिस्टर किया गया है ताकि मरीज और उनके एटेंडेंट्स को वह जानकारी दे सकें। इस एप में डॉक्टर को कॉल करने की सुविधा भी दी गई है।
क्या है प्रक्रिया:
- गूगल प्ले स्टोर से ई-संजीवनी एप डाउनलोड करें
- इसके बाद अपना नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज करें और रजिस्ट्रेशन करवाएं
- रजिस्ट्रेशन होने के बाद होने के बाद डॉक्टर्स की लिस्ट चेक करें
- उपलब्धता के आधार पर डॉक्टर्स का एप्वाइंटमेंट लें
एप के जरिए डॉक्टर मरीज को प्रिस्क्रिप्शन भेजेंगे: डॉक्टर के फीड गए किए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर कॉल कर परामर्श भी ले सकते हैं। मरीज को कोई पुरानी रिपोर्ट, एक्सरे या अल्ट्रासाउंड दिखाना है तो उसे अपलोड करने का विकल्प है। एप के जरिए डॉक्टर मरीज को प्रिस्क्रिप्शन भेजेंगे। इसमें डॉक्टर्स के डिजिटल साइन भी होंगे ताकि मरीज को दवाइयां या जांच में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
सप्ताह में तीन दिन मिलेगी सुविधा: अब जिले में मरीजों को ई संजीवनी ओपीडी सेवा सप्ताह में 3 दिन मिल सकेगी। ई-संजीवनी ओपीडी एप्लीकेशन के प्रत्येक मंगलवार, बुधवार एवं शुक्रवार को सुबह 9:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक संचालन किया जाए। ई-संजीवनी ओपीडी सेवा के सफल क्रियान्वयन को लेकर सम्मानित चिकित्सा कर्मियों को केयर इंडिया के सहयोग से प्रशिक्षण भी दिया गया है।