गोपालगंज में गंडक का जलस्तर कम जरूर हुआ है, लेकिन लोगों की परेशानी अभी नहीं हुई है कम
गोपालगंज में गंडक का जलस्तर कम जरूर हुआ है। लेकिन लोगों की परेशानी अभी कम नहीं हुई है। अभी भी कई प्रखंडों के कई पंचायतों में बाढ़ का पानी जस का तस बना हुआ है। जिससे लोगों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
मांझागढ़ प्रखंड के भैसही पंचायत के मंगुरहा गांव का कुछ ऐसा ही हाल है। यहां पर लोगों के घरों में चाहे वह पक्के का मकान हो या झोपड़ियां। हर तरफ पानी ही पानी है। बाढ़ के पानी की वजह से लोग दूसरे के घरों की छतों पर या तटबन्धों पर या फिर कही और ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। जबकि घर के सामान को भी इधर-उधर पानी से बचने के लिए रखा गया है।
मंगुरहा गांव के सुरेश साहनी के मुताबिक वे लोग कई दिनों से बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। भैसही इंटर कॉलेज का भवन पानी मे डूब गया है। यहां कई फ़ीट ऊपर पानी अभी भी बह रहा है। भैसही पंचायत के कई गांव जलमग्न है। सुरेश साहनी के मुताबिक बाढ़ पीड़ितों का हाल लेने के लिए ना तो कोई विधायक आया। और ना ही कोई सरकारी अधिकारी। उन्हें कोई राहत सामग्री भी नहीं मिली है। अभी तक कोई सरकारी सहायता भी नहीं मिला है। उनके घर और झोपड़िया पानी में डूब गए हैं। जिससे उन्हें रहने और खाने से लेकर पीने के पानी तक की समस्या है।
गांव की सड़कें पानी में डूब गई है। जिसकी वजह से इस इलाके के लोगो को पैदल या फिर नाव से ही उन्हें आना जाना करना पड़ता है।
गोपालगंज के सदर प्रखंड के अलावा माझागढ़, बरौली, सिधवलिया और बैकुंठपुर के कई गांव में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है। हालांकि गंडक का डिस्चार्ज लेवल कम हो गया है। लेकिन अभी भी कई गांव में बाढ़ का पानी वैसे ही बह रहा है। जो लोगों के लिए परेशानी के लिए सब बना हुआ है।