गोपालगंज के डुमरिया घाट में नारायणी नदी के तट पर बना नारायणी रिवरफ्रंट बना पर्यटन का केंद्र
गोपालगंज के डुमरिया घाट में नारायणी नदी के तट पर बना नारायणी रिवरफ्रंट अब लोगों के लिए आस्था और पर्यटन का केंद्र बना गया है। नारायणी रिवरफ्रंट का पहला फेज का काम पूरा हो गया है। इसके बाद भी यहां पर पर्यटकों का आना शुरू हो गया है। दूर दराज से पर्यटक यहां पर आ रहे हैं। और घंटों बैठकर सुकून के पल बिता रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक नारायणी रिवरफ्रंट का निर्माण कार्य पिछले साल अप्रैल महीने में शुरू किया गया था। करीब 87 करोड़ की यह परियोजना है। नमामि गंगे के द्वारा निर्माणाधीन है। पहले फेज में 9 करोड़ रुपए की लागत से यहां पर राम घाट और सीता घाट बनकर तैयार हो गया है। जिसमे घाट महिला, पुरुषों के लिए अलग शौचालय हाई मास्क स्ट्रीट लाइट का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है तो वही करीब पौने चार करोड़ की लागत से बनने वाले इलेक्ट्रिक शवदाहगृह ,परंपरागत शवदाहगृह के लिए टेंडर का कार्य पूरा हो चुका है।
गोपालगंज के पर्यटक राकेश कुमार के मुताबिक वे नारायणी रिवर फ्रंट पर पहली बार घूमने आए हैं। यहां आने पर एक सुखद अनुभूति का एहसास हो रहा है। पहले यहां पर शवों का अंतिम संस्कार किया जाता था। यहां पर मिट्टी और बालू के अलावा कुछ नहीं था। लेकिन आज इस नारायणी रिवर फ्रंट के बनने से लोगों के लिए यह अब आस्था और पर्यटन का केंद्र बन गया है।
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी के मुताबिक इस परिजनों को अगले 5 साल में पूरा होना है। केंद्र सरकार की यह महत्ती परियोजना करीब 87 करोड़ की है। जिसका पहला भेज करीब 9 करोड़ की है। जिसके तहत दो घाट राम घाट और सीता घाट बनकर तैयार हो गया है। यहां चेंजिंग, रूम हाई मास्ट लाइट सब कुछ तैयार है। यहां पर अगले 5 वर्षों में बेहतरीन पार्क, कैफेटेरिया का निर्माण कराया जाएगा। यहां से गंडक नदी में लोग क्रूज की सफारी भी कर सकेंगे। आने वाले दिनों में इस रिवर फ्रंट को शिव सर्किट, शक्ति सर्किट, राम सर्किट , बौद्ध सर्किट से भी इस स्थल को जोड़ने की योजना है।