गोपालगंज: तटबन्धों पर दबाव को कम करने के लिए सत्तरघाट का एप्रोच पथ को 2 जगह काटा गया
गोपालगंज: बाल्मीकि नगर बराज से छोड़ा गया चार लाख क्यूसेक पानी जैसे जैसे गोपालगंज की तरफ बढ़ रहा है। तटबन्धों पर दबाव भी बढ़ने लगा है। जिला प्रशासन के द्वारा तटबन्धों पर दबाव को कम करने को लेकर पिछले साल बनाए गए सत्तरघाट महासेतु का एप्रोच पथ को दो जगह पर काट दिया गया है। करीब 10 मीटर के दायरे में काटे गए इस एप्रोच पथ से गंडक के पानी का डिस्चार्ज तेज करने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि बैकुंठपुर के इस इलाके में सारण बांध पर दबाव कम हो सके। जिससे तटबन्ध के टूटने का खतरा भी कम हो सके।
दरअसल पिछले साल गोपालगंज में 10 जगहों पर सारण और रिंग बांध टूटा था। जिसे गोपालगंज के अलावा सिवान और सारण में बड़े पैमाने पर तबाही हुई थी। इस साल भी बाल्मीकि नगर बराज से करीब 4 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। वह पानी कुछ घंटे में गोपालगंज से क्रॉस करेगा।
गोपालगंज में सत्तर घाट और बंगरा घाट महासेतु के बनने के बाद इस इलाके में पानी का निकलने का रास्ता संकीर्ण हो गया है। जिसकी वजह से तटबंध के टूटने का खतरा बढ़ गया है। इसी को लेकर पथ निर्माण विभाग और जल संसाधन विभाग की निगरानी में कल रात दो जगहों पर सत्तरघाट महासेतु के अप्रोच पथ को काट दिया गया है।
डीएम के आदेश पर इस महासेतु के परिचालन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। अब लोग बंगरा घाट पुल से सफर करेंगे।