मदर्स डे पर कन्हैया का स्मृति ईरानी से सवाल “मां बच्चों को कैसे दे सकती है सजा”
देशद्रोह के मामले में जमानत पर चल रहे जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने रविवार को मदर्स डे के मौके पर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी को चिट्ठी लिखी। कन्हैया ने लेटर में स्मृति से पूछा कि कैसे कोई ‘मां’ पक्षपातपूर्ण रिपोर्ट्स और छेड़छाड़ वाले वीडियोज के आधार पर अपने बच्चों को सजा दे सकती है। कन्हैया ने 9 फरवरी को जेएनयू कैंपस में कथित तौर पर हुए राष्ट्रविरोधी नारेबाजी की जांच के लिए बनी यूनिवर्सिटी की कमेटी की रिपोर्ट का जिक्र किया। साथ ही स्मृति द्वारा सभी स्टूडेंट्स को बच्चे कहने के लिए उन पर हमला भी किया।
कन्हैया ने अपनी चिट्ठी में लिखा, “हम आपके ममतापूर्ण प्रेम के सानिध्य में अपनी पढ़ाई करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। अपनी छत्रछाया में हम यह सीख रहे हैं कि भूख रहकर और पुलिस की लाठियों से पिटकर भी कैसे पढ़ाई की जाती है।” कटाक्षपूर्ण भाषा में लिखी इस चिट्ठी में कन्हैया ने लिखा, ”आज मेरे एक मित्र ने पूछा कि मोदी के नेतृत्व में जब हमारी अपनी मां के अलावा हमारे पास गोमाता, भारत माता, मां गंगा और स्मृति मां है तो रोहित वेमुला आत्महत्या कैसे कर सकता है। उसी राष्ट्रविरोधी दोस्त ने यह भी कहा कि स्मृति मां के मंत्रालय ने रोहित को सजा देने के लिए कई चिट्ठियां लिखीं और उसकी फेलोशिप सात महीने तक रोकने के लिए जिम्मेदार थी।”
कन्हैया ने आगे लिखा, ”भारत जैसे महान देश में क्या कोई मां अपने बच्चे को आत्महत्या के लिए दबाव बना सकती है? क्या कोई मां उन सजाओं को मंजूरी दे सकती है जो छेड़छाड़ वाले वीडियोज और पक्षपातपूर्ण जांच पर आधारित हों। आपके बच्चे 11 दिन से भूख से तड़प रहे हैं और आप से सवाल पूछ रहे हैं। अगर आपके पास समय हो तो जवाब दीजिएगा।” बता दें कि जांच समिति की सिफारिश के बाद कन्हैया और कुछ दूसरे स्टूडेंट्स पर हुई कार्रवाई के विरोध में जेएनयू स्टूडेंट्स भूख हड़ताल कर रहे हैं। कन्हैया भी इसमें शामिल हुए, हालांकि बाद में तबीयत बिगड़ने के बाद डॉक्टरों की सलाह पर वे भूख हड़ताल से हट गए थे।