गोपालगंज में मेहंदी छूटने से पहले उजड़ गया सुहाग, नवविवाहित शिक्षक की कोरोना से हुई मौत
गोपालगंज: आज पूरा समाज कोरोना महामारी से त्रस्त है। वहीं सरकार इसके संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए लॉकडाउन लगाया है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना संक्रमण की जांच एवं वैक्सीनेशन का कार्य जोरों पर चल रहा है। इसके बावजूद कोरोना के कहर से कई घर उजड़ चुके हैं। ऐसा ही मामला थाना कटेया क्षेत्र के रुद्रपुर गांव में आया है। जहां एक शिक्षक की शादी विगत 28 अप्रैल को हुई थी। अभी शिक्षक की पत्नी के हाथों की मेहंदी का रंग छूटा भी नहीं होगा कि कोरोना का संक्रमण उसके सुहाग को अपने लपेटे में ले लिया।
विदित हो कि कटेया थाना क्षेत्र के रुद्रपुर गांव निवासी स्वर्गीय रामचंद्र पांडेय के छोटे लड़के दुर्गेश पांडेय प्रखंड के ज्ञानेश्वरी उच्च विद्यालय गौरा बाजार में अतिथि शिक्षक के रूप में कार्यरत थे। उनकी शादी विगत 28 अप्रैल को पश्चिम चंपारण जिले के बगहा बनकटवा के स्वर्गीय चंद्रभूषण मिश्र की लड़की प्रियंका मिश्रा के साथ हुई। शादी के बाद 29 अप्रैल को बारात वापस वापस आ गई। जिसके बाद से ही दुर्गेश पांडेय को बुखार आने लगा। उनका इलाज स्थानीय स्तर पर परिजनों के द्वारा कराया जाने लगा। लेकिन उनकी बिगड़ती स्थिति को देखते हुए 5 मई को परिजन इलाज के लिए गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान 15 मई को उनकी मौत हो गई। उनकी मौत की खबर सुनते ही परिजनों के साथ साथ पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया। मौत के बाद परिजन आनन-फानन में गोरखपुर पहुंचे। जहां कोरोना प्रोटोकाल के तहत शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
मृत शिक्षक दुर्गेश पांडेय प्रखंड क्षेत्र में अपना अलग पहचान बनाए थे। उनकी मौत की खबर से प्रखंड के सभी शिक्षक में शोक व्याप्त है। मृतक के बड़े भाई योगेश कुमार पांडेय और उनकी पत्नी प्रियंका का रो रो कर बुरा हाल है। मृतक के पत्नी के चित्कार को सुनकर परिजनों के साथ साथ गांव वालों का कलेजा दहल जा रहा है। मृत शिक्षक के दरवाजे पर मित्रों और परिचितों का ताता लगा हुआ है। उनके दरवाजे पर जब भी कोई सांत्वना देने के लिए पहुंच रहा है पूरा माहौल गमगीन हो जा रहा है। साथ ही मृतक के पत्नी के चित्कार को सुनकर सबकी आंखों में आंसू आ जा रहे हैं। क्योंकि मृतक की पत्नी प्रियंका मिश्रा अभी तक न तो अपने पति को सही ढंग से देख आई थी और न ही अपने ससुराल में किसी से परिचित हो पाई थी। ऐसी स्थिति में उस पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। वह रोते रोते बार-बार बेहोस हो जा रही है।
शिक्षक की कोरोना संक्रमण से हुई मौत के बाद भी उनके परिजनों के साथ साथ ग्रामीणों का भी अबतक कोरोना संक्रमण का जांच नहीं हुआ है और न हीं कोई सरकारी चिकित्सा कर्मी अभी तक उनके दरवाजे पर पहुंचे हैं। स्थानीय मुखिया एवं ग्रामीणों ने मांग किया है कि कैम्प लगाकर कोरोना संक्रमण की जांच की जाए। जिससे आने वाले खतरे को टाला जा सके। पंचायत के मुखिया ने सरकार से मांग किया है कि शिक्षक के सेवा कार्य को देखते हुए जो भी नियमानुकूल सहायता राशि हो उसे पत्नी और परिजनों को जल्द से जल्द दिया जाए। जबकि दूसरी घटना थाना क्षेत्र के बेलही खास मति टोला की है जहाँ निजी प्रैक्टिस कर रहे डाक्टर दिवाकर तिवारी 68 वर्ष की भी मृत्यु इलाज के क्रम मे सदर अस्पताल देवरिया मे कोरोना से हो गयी ।