गोपालगंज: सीपीएम नेता के बेटे के निधन पर भाजपा उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी का आपत्तिजनक ट्वीट
गोपालगंज: सीपीएम नेता सीताराम येचुरी के बड़े बेटे आशीष येचुरी का आज सुबह कोरोना वायरस के कारण निधन हो गया। आशीष कोरोना वायरस से संक्रमित थे, गुरुग्राम के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। लेकिन इस पर भी ओछी राजनीति रूकने का नाम नहीं ले रही है। नफरतों का बाजार इतना भरा पड़ा है कि भाजपा के एक नेता ने आपत्तिजनक बयान ट्वीट किए।
बिहार भाजपा के उपाध्यक्ष और बैकुंठपुर के पूर्व विधायक मिथिलेश कुमार तिवारी ने आशीष येचुरी की मृत्यु की सूचना के बाद लिखा, “चीन का समर्थक सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी के बेटे आशीष येचुरी का चाइनीज कोरोना से निधन।” मिथिलेश तिवारी के इस ट्वीट के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर घेरा। ट्वीटर पर एक यूजर ने लिखा, इतनी बेशरमी विरासत में मिली है, या कोई वैक्सीन लगवाई है इसके लिए। इसके कुछ देर बार ही मिथिलेश तिवारी को ट्वीट डिलिट करना पड़ा।
सीताराम येचुरी के बेटे को लेकर मिथिलेश तिवारी का ट्वीट तो असंवेदनशील था ही। उसके बाद जो बहाना उन्होंने बनाया वो और भी ज्यादा मूड खराब करने वाला था। अकाउंट हैक करने वाला सिर्फ एक ट्वीट करके छुट्टी कर लेगा क्या? ट्वीट बेहूदा था, जब गलती का अहसास हुआ तो माफी मांग लेते, पर एक घटिया बहाना बनाकर उन्होंने खुद अपनी भद्द पिटवा ली।
सीताराम येचुरी के बड़े बेटे आशीष येचुरी की उम्र लगभग 35 साल थीं। लगभग दो सप्ताह से उनका कोरोना का इलाज चल रहा था। स्थिति गंभीर होने के गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मगर उन्हें बचाया नहीं जा सका। आशीष के अलावा सीताराम येचुरी के परिवार में उनकी पत्नी और बेटी है। आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। एक तरफ लोग इस पीड़ा को बांटने और कम करने की कोशिश में लगे हुए हैं, दूसरी तरफ इसमें ओछी घृणा की तस्वीरें सामने आ रही है।
गौरतलब है कि साल 2019 के दिसंबर में पहली बार कोरोना वायरस चीन के वुहान में पाया गया था। जहां से ये पूरी दुनिया में फैला और आज भारत की स्थिति बेहद खराब हो चली है। हर रोज तीन लाख से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज पाए जा रहे हैं। वहीं, अब मौत के आंकड़ों में भी भारी उछाल देखने को मिल रहा है। हर रोज दो हजार से अधिक लोगों की मौत हो रही है। वहीं, देश में दवा, ऑक्सीज, बेड्स की भारी कमी है। लगातार केंद्र और राज्य सरकार निशाने पर है। अस्पताल की हालत चरमरा गई है। लोगों अस्पतालों के बाहर दम तोड़ने को मजबूर हैं।