गोपालगंज: चमकी (मस्तिष्क ज्वर) को धमकी देने के लिए विद्यालयों की दिवारों पर लिखे जाएंगे स्लोगन
गोपालगंज: मस्तिष्क ज्वर (चमकी बुखार) के रोकथाम एवं इससे बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। चमकी बुखार के प्रति आमजनों के जागरूक करने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में जागरूकता के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने अहम निर्णय लिया है। अब जिले के सभी विद्यालयों की दिवालों पर चमकी को धमकी देने के लिए शपथ पत्र लेखन किया जायेगा। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने पत्र जारी कर डीएम आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के द्वारा वीसी के माध्यम से एईएस की समीक्षात्मक बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि चमकी बुखार के संबंध में जिले के सभी विद्यालयों में दिवार पर स्लोगन लेखन किया जायेगा। इसके लिए विभाग के ओर से चमकी को धमकी का शपथ पत्र संलग्न करके भेजा गया है। 10 अप्रैल तक सभी विद्यालयों के दिवारों पर लेखन का कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
गठित शिक्षा समिति करेगी आम सभा की बैठक: पत्र के माध्यम से यह निर्देश दिया गया है कि जिले के सभी विद्यालयों में गठित विद्यालय शिक्षा समिति की एक आम सभा की बैठक आयोजित किया जाये। जिसमें चमकी बुखार के लक्षणों, क्या करना है, क्या नहीं करना है एवं सावधानियों पर विस्तृत रूप से चर्चा की जाये। इसके बाद प्रत्येक माह विद्यालय शिक्षा समिति की मासिक बैठक में भी इस पर चर्चा करते हुए फॉलोअप किया जाये। इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग के कर्मी में भाग लेंगे। इन गतिविधियों को लगातार करने का निर्देश दिया गया है ताकि चमकी बुखार के बारे में प्रचार-प्रसार किया जाये। जिससे ससमय बीमारी की रोकथाम एवं इलाज में मदद मिल सके।
ये है “चमकी को धमकी का शपथ पत्र”: मस्तिष्क ज्वर(चमकी बुखार): एक गंभीर बिमारी है जो ससमय इलाज से ठीक हो सकता है। अत्यधिक गर्मी एवं नमी के मौसम में यह बिमारी फैलती है। 1 से 15 वर्ष तक के बच्चे इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित होते है।
क्या है लक्षण: सरदर्द, तेज बुखार, अर्द्वचेतना पहचानने की क्षमता न होना, बेहोशी, शरीर में चमकी होना अथवा हाथ पैर में थरथराहट होना एवं पूरे शरीर में या किसी खास अंग में लकवा मार जाना चमकी बुखार के लक्षण है।
ये तीन धमकियां याद रखें:
- खिलाओ: बच्चो को रात में सोने से पहले भरपेट खाना जरूर खिलाएं। यदि संभव हो तो कुठ मीठा भी खिला सकते है।
- जगाओ: सुबह उठते ही बच्चों को भी जगायें और देखें, बच्चा कहीं बेहोश या उसे चमकी तो नहीं।
- अस्पताल ले जाओ: बेहोशी या चमकी दिखते ही तुरंत आशा दीदी से संपर्क करते हुए एंबुलेंस या निजी गाड़ी से अस्पताल ले जायें
ये सावधानियां है जरूरी:
- बच्चों को तेज धूप से बचाना चाहिए
- बच्चों को दिन में दो बार स्नान कराना चाहिए
- बच्चों को रात में भरपेट खाना खाकर ही सुलाना चाहिए
- गर्मी एवं उमस भरे दिनों में ओआरएस अथवा नींबू पानी-चीनी का घोल बच्चों को पिलाना चाहिए