गोपालगंज

गोपालगंज की चर्चित खजुर्बानी जहरीली शराब कांड में आज स्पेशल कोर्ट 13 दोषियो को सुनाएगा सजा

गोपालगंज: 35 साल की अमृता की उम्र तब महज 30 साल थी। उसके पति अनिल राम राजमिस्त्री का काम करते थे। पति के कमाई से सबकुछ ठीक चल रहा था। घर में परिवार का खर्चा भी अच्छे से निकल जाता था। लेकिन 16 अगस्त 2016 को ऐसा कुछ हुआ की अमृता की जिन्दगी उजड गयी। आज अमृता की उम्र 35 साल है और उसे दो बेटे और दो बेटी है। आज अमृता अपने मायके में अपने माँ और पिता के साथ रहती है। आज अमृता का घर का और अपने बच्चो का खर्च निकालना भी मुश्किल हो गया है। उसके पति की मौत हुए 5 साल बीत गए है।

दरअसल अमृता के पति अनिल राम की मौत भी नगर थाना के खजुरबानी जहरीली शराब कांड में हो गयी थी। इस जहरीली शराब कांड में अनिल राम की दर्दनाक मौत हो गयी थी। सरकार ने अनिल राम के मृतक के आश्रितों को 4 लाख रूपये का मुआवजा दिया था। मुआवजा की राशि बैंक में फिक्स कर दिए गए थे और फिक्स राशि के बदले प्रत्येक पीड़ित परिवार को बैंक के द्वारा 9 सौ रूपये प्रति माह की राशि दी जाती है। लेकिन चार बच्चो वाले इस परिवार के लिए महंगाई के इस दौर में खर्चा चलाना मुश्किल हो गया है। अमृता को सरकार से न्याय की उम्मीद है।

गोपालगंज नगर थाना के श्याम सिनेमा रोड स्थित अपने पिता के घर में रह रही अमृता कोई अकेली महिला नहीं है। जिसका परिवार खजुरबानी जहरीली शराब कांड में उजड़ गया। बल्कि उसके पड़ोसी बंधू राम भी इसी शराब कांड के शिकार हुए। बंधू राम के मुताबिक वे भी अपने पड़ोसी के साथ शराब बंदी के बावजूद लालच में खजुरबानी में शराब पिने चले गए थे। 55 वर्षीय बंधू राम श्याम सिनेमा में नौकरी करते थे। उनका परिवार का गुजरा इस नौकरी से हो जाता था। लेकिन 16 अगस्त 2016 का वह दिन जब बंधू राम ने शराब बंदी के बावजूद चुपके से शराब का सेवन क्या किया। उनके आँखों की रौशनी जिन्दगी भर के लिए चली गयी। बंधू राम के मुताबिक सरकार ने घोषणा किया था की शराब कांड के पीडितो को मुआवजा दिया जायेगा। लेकिन उन्हें आजतक कोई मुआवजा नहीं मिला.।आज वे अँधा होने की वजह से घर में ऐसे ही बैठे रहते है। उनकी दो बेटी और दो बेटे है। दोंनो बेटिया प्राइवेट क्लिनिक में मजदूरी कर अब परिवार चला रही है।

बता दे की नगर थाना के खजुरबानी में जहरीली शराब कांड में कुल 19 लोगो की मौत हो गयी थी। जबकि 6 लोग अंधे हो गए है। इस शराब कांड के बाद नगर थाना पुलिस ने खजुरबानी गांव के मुख्य अभियुक्त नगीना पासी, रुपेश शुक्ला सहित कुल 14 लोगो को अभियुक्त बनाया था। इस मामले में नामजद एक आरोपी की ट्रायल के दौरान ही मौत हो गयी थी। अब सिर्फ 13 नामजद अभियुक्त जिन्दा है। गोपालगंज एडीजे दो की कोर्ट ने सभी 13 अरोपियो को खजुरबानी कांड में दोषी करार दिया है। आक 5 मार्च को सभी दोषीओ को सजा सुनाया जाना है।

करीब 5 साल तक चले इस केस में जैसे ही कोर्ट ने सभी अरोपियो को दोषी करार दिया। वैसे ही खजुरबानी कांड में पीड़ित परिवारों को न्याय की उम्मीद जगी है। इसके साथ पीड़ित परिवार अपनों को खोने के गम में उनकी खजुरबानी की टीस उनके चेहरे पर साफ झलक रही है।

श्याम सिनेमा रोड के रहने वाले 35 वर्षीय रामू राम की भी मौत खजुरबानी कांड में हो गयी थी। रामू की शादी नहीं हुई थी। वह अकेले इसी तंग गली में रहता था। लेकिन उसके मौत के बाद घर में आजीवन वीरानी छा गयी।

गोपालगंज शहर के नोनिया टोली के रहने वाले 55 वर्षीय परमा महतो, 28 वर्षीय शशि कुमार और 22 वर्षीय मुन्ना साह भी खजुरबानी कांड के शिकार हुए। परमा महतो की पत्नी जीतन देवी के मुताबिक उनके पति ठेला चलाकर घर का खर्च चलाते थे। शराब पिने से उनके पति की मौत हो गयी। घर के 6 सदस्यीय इस परिवार में अब सरकारी मुआवजे से मिलने वाली 900 रूपये से ही परिवार का खर्च चल रहा है।

नोनिया टोली के 28 वर्षीय शशि चौहान की मौत भी जहरीली शराब पिने से हो गयी थी। जवान बेटे के इस मौत के 5 साल बाद भी पीड़ित परिजनों को 4 लाख का मुआवजा नहीं मिला। मृतक शशि के पिता विजय चौहान के मुताबिक उनके कमाऊ बेटे की मौत हो गयी। उसके बाद इस घर में पति पत्नी बीमार पड़े रहते है।

नोनिया टोली के ही 22 वर्षीय मुन्ना साह की मौत भी शराब पिने से हो गयी थी। मुना साह की माँ मालती देवी के मुताबिक उनका बेटा भी खजुरबानी में शराब पिने चला गया था। शराब पिने के बाद उनके बेटे की हालत गंभीर हो गयी थी। लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। इस घटना के 5 साल बाद भी उन्हें मुआवजा नहीं मिला। उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिला। अगर कोर्ट से न्याय मिलेगा तब उन्हें तसल्ली मिलेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected By Awaaz Times !!