गोपालगंज के लाल व बॉलीवुड अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने एक बार फिर अपनी अभिनय प्रतिभा का मनवाया लोहा
गोपालगंज के लाल व वॉलीबुड में अपनी अभिनय प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले पंकज त्रिपाठी ने एक बार फिर जिले व सूबे का नाम रोशन किया है। इनकी डिजिटल स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ज़ी-5 पर गुरुवार को फिल्म ‘कागज’ रिलीज होते ही शोहरत बटोरने लगी है। पंकज के अभिनय का डंका देश-विदेश में बजने लगा है। महज 24 घंटे में ही फेसबुक, ट्यूटर, इंस्टाग्राम व दूसरी सोशल मीडिया में उनके बेहतरीन अभिनय की चर्चा छा गई है। पंकज को बधाई देने की होड़ -सी लगी हुई है। फिल्म का ट्रेलर पहले ही रिलीज हो चुका था। लिहाजा सिने दर्शक व उनके फैन ‘कागज’ के रिलीज होने का शिद्दत से इंतजार कर रहे थे। जिले के बरौली प्रखंड के बेलसंड निवासी पंकज इस फिल्म में पात्र भरत लाल के रूप में मुख्य भूमिका में हैं।
‘कागज’ फिल्म की कहानी एक ऐसे शख्स के जीवन पर आधारित है, जो असल में तो जिंदा होता है। लेकिन, कागजी दस्तावेजों में उसे मरा हुआ घोषित कर दिया जाता है। इसके बाद पूरी फिल्म इसी कहानी के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में एक आम आदमी के संघर्ष दिखाने के साथ सरकारी व्यवस्था पर भी चोट है। कोर्ट-कचहरी में न्याय के लिए भटकते एक आम इंसान की कहानी को पंकज ने अपने अभिनय के खांटी अंदाज से जीवंत किया है। फिल्म के गाने भी कर्णप्रिय है। फिल्म में सतीश कौशिक, एम मोनल गज्जर, मीता वशिष्ठ, अमर उपाध्याय, नेहा चौहान, संदीपा धर, ब्रिजेंद्र काला जैसे कलाकारों ने भी अपनी भूमिका अदा की है।
बता दे कि 2004 में फिल्म ‘रन’ के साथ पंकज का फिल्मी करियर शुरू हुआ था। अब तक पंकज तीन दर्जन से अधिक फिल्मों में अपनी बेहतरीन कलाकारी की बदौलत बतौर अभिनेता एक अलग पहचान बनाई है। उनकी चर्चित फिल्मों में मांझी द माउंटेन मैन, नील बाटा सन्नाटा, गैंग ऑफ वासेपुर, ओंकारा, न्यूटन, ग्लोबल बाबा, फुकरे, स्त्री, बरेली की बर्फी आदि शामिल हैं। वे दर्जनों टीवी सीरियल व वेब सीरिज में भी काम कर चुके हैं। मिर्जापुर वेव सीरीज में कालीन भैया हो या क्रिमिनल जस्टिस या सीक्रेट गेम्स सभी वेव सीरीज में पंकज त्रिपाठी के अभिनय को खूब सराहा गया। पंकज संघर्ष के रास्ते पर चलकर आज फिल्मी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। वे हॉटेल मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के बाद पटना के होटल में नौकरी भी कर चुके हैं। पंकज का काफी मेहनत के बाद चयन नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के लिए हुआ था।
हाल ही में पंकज की पत्नी मृदुला त्रिपाठी व बेटी के साथ अपने पैतृक गांव बेलसंड आये थे। जहाँ उन्होंने शकीला व कागज फ़िल्म रिलीज़ होने के पूर्व अपने पिता बनारस तिवारी माता हेमवंती देवी व बडे भाई विजेंद्र नाथ तिवारी से आशीर्वाद लिया व लंबे समय तक गांव में शर्दियों को खूब इंजॉय किया।