गोपालगंज में 392502 बच्चों को पिलाई जाएगी पोलियो की खुराक, विभाग ने पूरी की अपनी तैयारी
गोपालगंज में 29 नवंबर से पल्स पोलियो अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की जाएगी। इसके तहत घर-घर जाकर बच्चों को पल्स पोलियो की दवा पिलाई जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयारी पूरी कर ली गई है। एसीएमओ डॉ एके चौधरी की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स कमेटी की बैठक आयोजित की गई, जिसमें अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। टास्क फोर्स कमेटी की बैठक के दौरान नियमित टीकाकरण की मासिक समीक्षा भी की गई। बैठक में डीआईओ डॉक्टर शक्ति कुमार सिंह, डीपीएम धीरज कुमार, यूनिसेफ के जिला समन्वयक रूबी कुमारी, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ, डीसीएम व सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के साथ-साथ सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य प्रबंधक मौजूद थे। बैठक में पल्स पोलियो अभियान की सफलता को लेकर विस्तार से चर्चा की गई तथा यह निर्देश दिया गया कि अभियान के दौरान एक भी बच्चा दवा से वंचित ना रहे। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ शक्ति कुमार सिंह ने बताया कि जिले में कुल 392502 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी इसके लिए जिले में 433411 घरों को चिन्हित किया गया है। उन्होंने कहा कि अभियान को सफल बनाने के लिए कुल 1135 टीम बनाया गया है। जिसमें कुल 355 सुपरवाइजर 70 ट्रांजिट टीम को कार्य में लगाया गया है। जिले में कुल 75 ट्रांजिट पॉइंट्स बनाए गए हैं।
घर-घर जाकर बच्चों को पिलाई जाएगी पोलियो की खुराक: पल्स पोलियो अभियान की ड्यूटी में लगे ऑगनबाड़ी सेविका, आशा समेत अन्य कर्मी घर-घर जाकर पाँच वर्षों तक के बच्चों को पोलियो की दो बूँद दवा पिलाऐंगे। साथ ही दवा पिलाने के बाद बच्चों का नाम, बच्चे के माता-पिता का नाम, गृह संख्या आदि विभाग द्वारा दी गई फॉर्मेट में भरेंगे। साथ ही बाहर गये बच्चों का भी पूरी जानकारी लेकर फॉर्मेट में भरेंगे और देर शाम दिन भर के कार्यों की रिपोर्ट स्थानीय पीएचसी में जमा करेंगे।
रेलवे स्टेशन व बस अडडों पर रहेगी विशेष व्यवस्था: डीआईओ ने बताया पल्स पोलियो अभियान के तहत एक भी बच्चा नही छूटे, इसके लिए विभाग द्वारा व्यापक तैयारियाँ की जा रही है। दरअसल, एक भी बच्चा छूटने पर वायरस फैलने का प्रबल संभावना रहता है। इसको लेकर जिले के चौक-चौराहे, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि जगहों पर दवा पिलाने के लिए कर्मियों की तैनाती किए गए हैं। जो बाहर से आने-जाने वाले यानि सफर कर बच्चे को दवा पिलाऐंगे। ताकि सफर पर निकले बच्चे वंचित नही रहे। साथ ही दवा पिलाने के बाद बच्चों के अंगुली में निशान भी लगाया जाएगा। ताकि किसी भी बच्चे को भूलवश जाने-अनजाने में दोबारा दवाई नही पिलाई जा सकें।
कोविड-19 प्रोटोकॉल का होगा पालन: यूनिसेफ के जिला समन्वयक रूबी कुमारी ने बताया कि बच्चों को दवाई पिलाने के दौरान कोविड-19 मानक गाइडलाइन का ख्याल रखा जाएगा। बचाव से संबंधित उपायों का पालन करते हुए कर्मी दवा पिलाऐंगे और खुद के साथ-साथ दूसरों का भी कोविड-19 से सुरक्षा का ख्याल रखेंगे। इसको लेकर विभागीय पदाधिकारियों द्वारा सभी कर्मियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।