गोपालगंज

गोपालगंज एसपी ने की अनशन तुड़वाने की कोशिश, हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ी रही उद्यमी की पत्नी

गोपालगंज के भोरे में उद्यमी रामाश्रय सिंह की हत्यारों के गिफ्तारी के लिए चार दिनों से चल रहे अनशन में बुधवार की रात गहमागहमी वाली रही। उपेंद्र कुशवाहा और पप्पू यादव जैसे बड़े नेताओं के आमरण अनशन में आकर अपना समर्थन देने और लोगों की उमड़ रही भीड़ की वजह से प्रशासन को तीसरे दिन हरकत में आना पड़ा। यह खबर वायरल हुई कि आमरण अनशन कर रहीं सुनीता सिंह की हालत बिगड़ रही है तो सुबह दस बजे भोरे रेफरल अस्पताल के डॉक्टर्स की टीम आला अधिकारियों के आदेश पर सुनीता सिंह की स्वास्थ्य जाँच करने आई। जब उन्होंने जाँच में पाया कि उनका ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर लो हो रहा है, प्लेटलेट्स कम हो रहे हैं तो तुरंत जिले में खबर दी। गोपालगंज के मेडिकल अफसर ने जिले से डॉक्टर्स की एक टीम अनशन स्थल पर भेजी जो तीन बजे के लगभग पहुंची। टीम ने सुनीता सिंह को ग्लूकोज़ चढाने के लिए कहा जिसे उन्होंने साफ मना कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर मेरे पति को न्याय नहीं मिलेगा तो मेरा मर जाना ही ठीक है। मैं तो पिछले साल ही मर गयी थी, बस साँस चल रही है, वह भी रुक जाएगी। मेरे पति के हत्यारों को प्रशासन गिफ्तार करवाये तभी मैं अनशन तोडूंगी। शाम को जब अचानक उनकी सेहत बदतर होने लगी तो लोगों ने जबरदस्ती जैसे तैसे उन्हें मना कर सैलाइन की ड्रिप चढ़वाई।

शाम को 8 बजे के करीब भोरे के सीओ जितेंद्र कुमार सिंह और बीडीओ पन्नालाल गुप्ता अनशन स्थल पर आये। उन लोगों ने परिजनों को समझाने की कोशिश की मगर परिजनों ने उनसे बात करने से ही मना कर दिया। उनसे ऊपर के अधिकारियों को यहाँ बुलाने को कहा। फिर एक घंटे बाद अनुमंडल पदाधिकारी अनिल राम और अनुमंडलीय पुलिस अधिकारी अनिल कुमार चौधरी परिजनों से बात करने आये। उन्हें भी लोगों की ज़िद के आगे बैरंग लौटना पड़ा। सभी एसपी को बुलाने की मांग कर रहे थे।

आखिर में रात साढ़े 10 बजे के करीब एसपी मनोज कुमार तिवारी अनशन स्थल पर आये। वह पूरे दलबल के साथ पहुंचे थे। उन्होंने अनशन ख़त्म करने की अपील की और परिजनों की मांगें सुनीं। परिजनों की बातें सुनकर वह ये बात दोहराने लगे कि इस केस में हर बिंदु आपके पक्ष में है, हम अपराधियों की गिरफ्तारी करेंगे, जल्द ही कुर्की जब्ती की कार्रवाई की जाएगी। तभी उनको एक पत्रकार से उनकी हुई फ़ोन की बातचीत की क्लिप सुनाई गई जिसमें वह कहते सुने गए कि रामाश्रय सिंह हत्याकांड में हमने 11 लोगों को गिरफ़्तार कर लिया है। इस क्लिप को सुनने के बाद एसपी सकते में आ गए. परिजन उनसे पूछने लगे कि जब आप पत्रकार और मीडिया को कह रहे हैं कि आपने सारे आरोपितों को पकड़ लिया है तो फिर यहाँ अनशन में हमसे किन दोषियों को पकड़ने के लिए आश्वासन दे रहे हैं।

पीड़ित परिवार बार बार एसपी से यही गुहार कर रहा था कि अगर आपको हाईकोर्ट के आदेशानुसार हत्यारों को गिरफ्तार करने में समय लगेगा तो कम से कम उनके यहाँ कुर्की जब्ती तो करवाइये। ऐसा अगर आप करते हैं तभी हम अनशन तोड़ेंगे। एसपी साहब बिना कुछ कहे अनशन स्थल से बाहर चले गए। मगर परिसर के बाहर देर तक रुके रहे। वह मन बनाकर आये थे कि आज अनशन तुड़वा देंगे, मगर परिवार की मांगों के आगे उनकी एक ना चली। सुबह 4 बजे तक पुलिस बल कोल्ड स्टोरेज परिसर के बाहर खड़ा रहा लेकिन अनशन स्थल पर ना लोगों की उत्साह में कमी आई और ना पुलिस किसी भी तरह अनशन तुड़वाने की कोशिश कर पाई।

ज्ञात हो कि पिछले साल 13 जून को हुए उद्यमी रामाश्रय सिंह हत्याकांड में नामज़द आरोपियों की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है और ना ही उनके खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र जमा किये गए हैं।

गौरतलब है की पिछले चार दिनों से चल रहे अनशन के कारण सुनीता सिंह का वजन लगतार कम हो रहा है। गुरुवार की सुबह सरकारी मेडिकल टीम ने पुनः जाँच की। उनकी हालत स्थिर है लेकिन प्लेटलेटस में कोई सुधार नहीं है। बीपी और ब्लड शुगर अभी भी सामान्य से काफी कम है। मल्टीविटामिन और सैलाइन की डोज दी जा रही है।

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