गोपालगंज: एम्स की महिला चिकित्सक लॉक डाउन में फंस गयी घर तो मोबाइल पर ही देने लगी सलाह
गोपालगंज के सिधवलिया बाजार में इन दिनों एम्स की एक युवा डॉक्टर की खूब चर्चा है. ये डॉक्टर कोरोना महामरी के दौरान लॉक डाउन में अपने घर सिधवलिया में फंस गयी. लॉक डाउन के दौरान अपने घरवालो के साथ रहने के बावजूद इस चिकित्सक ने अपना धर्मं नहीं छोड़ा और वे लगातार डेढ़ महीने से गोपालगंज और अन्य जगहों से आने वाले फोन कॉल्स को अटेंड कर रही है. लोगो को मेडिकल सलाह दे रही है और जरुरत पड़ने पर उनके पास दवाए भी उपलब्ध करा रही है. एम्स की इस युवा महिला चिकित्सक यह सबकुछ फ्री और अपने पैसे से कर रही है. ये है 28 वर्षीय डॉ कोपल खन्ना. डॉ कोपल खन्ना ऋषिकेश एम्स में डॉक्टर है. वे एम्स में हेल्थ पोलिसिज की नीति विशेषज्ञ भी है. इसके अलावा डॉ कोपल लखनऊ में केजीएमसी में भी वेंटिलेटर से सम्बंधित मरीजो पर रिसर्च कर रही है. डॉ कोपल खन्ना इन दिनों गोपालगंज में लोगो के बिच के चर्चा का विषय बनी हुई है.
दरअसल वे लॉक डाउन के बाद गोपालगंज के सिधवलिया में अपने पैरेंट्स से मिलने आई हुई थी. इसी दौरान देश में लॉक डाउन हो गया. लॉक डाउन के बाद वे वापस लखनऊ और ऋषिकेश नहीं लौट सकी. लेकिन ड्यूटी पर नहीं जाने के बावजूद इस महिला युवा डॉ ने अपना फर्ज नहीं छोड़ा. डॉ कोपल खन्ना के मुताबिक उन्हें प्रतिदिन 15 से 20 कॉल्स आते है. उनसे क्रिटिकल केसेस से लेकर आम बीमारी से सम्बंधित मरीज फोन करते है. वे एक महीने में करीब साढ़े चार सौ से ज्यादा मरीजो को मेडिकल सलाह दे चुकी है. जरुरत पड़ने पर मरीजो के पास अपने सोर्सेज से वे दवाइया भी भेजती है. और उन्हें हर संभव मदद भी करती है.
डॉ कोपल के मुताबिक कोरोना महामारी के बाद ओपीडी बंद है. तब से वे लगातार लोगो को सेवा दे रही है. वे वर्तमान में ऋषिकेश एम्स में कार्यरत है. वे ओउत्रीच पोस्टिंग के दौरान लखनऊ के केजीएमसी में पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर सुपर स्पेशलिटी विभाग में रिसर्च कर रही है. डॉ कोपल ने बताया की आज के इस महामारी के दौर में सबसे ज्यादा वैसे मरीज परेशान है. जिनका ऑपरेशन कराना जरुरी है.
ऐसी विषम परिस्थतियो में भी भारत सरकार ने एक सक्सेस स्टोरी क्रिएट की है. भारत सरकार की नीतिओ की वजह से ही आज देश में कोरोना महामारी के मामले अन्य देशो की तुलना में काफी कम है.