गोपालगंज: कटेया के युवक की गाजियाबाद में इलाज के दौरान हुई मौत, पुलिस ने किया शव का अंतिम संस्कार
गोपालगंज: आज पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। जिसको लेकर पूरे देश में लॉकडाउन लागू है। सरकार प्रतिदिन मजदूरी कर अपना पेट भरण पोषण करने वाले मजदूरों को राहत सामग्री उपलब्ध करा रही है।इसी बीच कटेया थाना क्षेत्र के रामदास बगही पंचायत अंतर्गत भोपतपुर गांव निवासी 38 वर्षीय युवक अशोक राम की मृत्यु गाजियाबाद में इलाज के दौरान दिनांक 26 अप्रैल 20 को हो गई।
बताया जा रहा है कि अशोक राम गाजियाबाद में टेंपो चलाकर अपने एवं परिजनों का रोजी रोटी चला रहा था।इसी दौरान उसकी तबीयत खराब हो गई। लॉकडाउन लागू होने के कारण वह अपने घर भी नहीं आ सका। साथ ही आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण गाजियाबाद के स्थानीय पुलिस को बेहोशी की हालत में सड़क किनारे मिला। जिसको पुलिस अस्पताल में ले जाकर इलाज कराना शुरू किया। इसकी सूचना गाजियाबाद की पुलिस ने कटेया थाने से संपर्क कर उसके परिजनों को दी। लेकिन अशोक राम कुछ घंटे बाद ही काल के गाल में समा गया। मृत युवक के पिता आर्थिक स्थिति खराब होने एवं लॉकडाउन होने के कारण अपने पुत्र के शव को भी नहीं ला सके। जिसके कारण मृत युवक के पुत्र व पत्नी अपने पिता व पति का शव भी नहीं देख सके। अशोक राम अपने घर में एक ही कमाऊ व्यक्ति था। जिसके ऊपर बूढ़े पिता, पत्नी व तीन बच्चों का भरण पोषण करता था।उसकी मौत की सूचना पुलिस ने अशोक राम के पिता शिवनाथ राम को दी। लेकिन लॉकडाउन होने के कारण वह जाने में असमर्थ रहे। जिसके बाद गाजियाबाद पुलिस ने अशोक राम के शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
वहीं प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश कुमार चौबे, अंचलाधिकारी अफजल हुसैन, थाना प्रभारी अश्वनी कुमार तिवारी, पैक्स अध्यक्ष चंदन कुमार मिश्र, बीडीसी सदस्य मनीष मिश्र परिजनों से मिलकर राहत सामग्री उपलब्ध कराया। जिसमें 1 बोरा चावल, एक बोरा गेहूं व नगद 2100 रु देते हुए पदाधिकारियों ने सरकारी सहायता राशि जल्द उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
वही मृत अशोक राम अपने वृद्ध पिता का एक पुत्र था एवं उसकी तीन बहनें भी थी। तीनों बहनों की शादी हो गई थी। जिसमें एक बहन की शादी थाना क्षेत्र के लोहटी गांव निवासी परमानंद राम के साथ हुई थी। मृतक की बहन सुशीला देवी भाई के मौत की खबर के सदमे से शुक्रवार को हृदय गति रुकने से उसकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि भाई की मौत की खबर सुनते ही सुशीला देवी अचानक बीमार पड़ गई एवं सीने में तेज दर्द होने लगा। जिसके कारण उसकी मौत हो गई।