गोपालगंज

गोपालगंज: कोटा में फंसी है मीरगंज की छात्रा, गैराज मिस्त्री पिता ने बेटी की घर वापसी की लगाई गुहार

गोपालगंज: कोरोना महामारी को लेकर लॉक डाउन से हर तबका परेशान है। लॉक डाउन के बाद भले ही रसूखदार लोग अपने पैसे और रसूख के बल पर दूर दराज में फंसे अपने लोगो को घर वापस लेकर आ जा रहे है। लेकिन आम आदमी सिर्फ लॉक डाउन के खत्म होने का ही इंतजार कर सकता है।

दरअसल गोपालगंज के मीरगंज निवासी रमेश प्रसाद ने अपनी बेटी को मेडिकल की तैयारी करने के लिए राजस्थान के कोटा में भेजा था। वहा बेटी मेडिकल की तैयारी भी कर रही थी। लेकिन इसी दौरान देश में कोरोना को लेकर लॉक डाउन की घोषणा कर दी गयी। लॉक डाउन के घोषणा के बाद रमेश प्रसाद की बेटी पूजा कुमारी अपने हॉस्टल में अपने कुछ दोस्तों के साथ अकेली रह गयी है। रमेश प्रसाद मीरगंज में गैराज मिस्त्री का काम करते है। यहाँ गाड़ियाँ बनने आती है। उसी के रिपेयरिंग से उनका घर का खर्च चलता है और थोड़े बहुत पैसे बचाकर उन्होंने अपनी बेटी को पढने के लिए राजस्थान के कोटा में भेज दिया। लेकिन कोरोना महामारी को लेकर सब कुछ बंद हो गया है। लॉक डाउन की वजह से उनकी आमदनी बिलकुल ठप्प हो गयी है। कोई गाड़ियाँ बनने नहीं आ रही है। जिसकी वजह से वे कोटा में फंसी अपनी बेटी के पास पैसे नहीं भेज पा रहे है।

रमेश मिस्त्री के मुताबिक उनकी प्राइवेट नौकरी थी। वह भी गैराज के बंद होने आमदनी नहीं हो पा रही है। उन्होंने बेटी वहा पढने के लिए भेजा था। लेकिन वहा पढाई भी ठप्प हो गयी है और उनकी बेटी होस्टल में अकेले फंस गयी है। उसके पास खाने के लिए पैसे नहीं है। वे खुद अपनी बेटी के पास पैसे नहीं भेज पा रहे है। रमेश मिस्त्री और उनकी पत्नी लालती देवी ने अपनी बेटी को मदद पहुचाने और उसे घर वापसी की गुहार लगायी है। यह पीड़ित परिवार अपनी बेटी की सकुशल घर वापसी के लिए सरकार से मदद मांग रही है।

बता दे की पटना में एक विधायक ने अपने रसूख के बल पर कोटा में फंसी अपनी बिटिया को घर तो लेकर आ गए। लेकिन आम आदमी अपने रसूख के बल पर कोटा से अपने बच्चो को कैसे ला पाएंगे।

जानकारी के मुताबिक गोपालगंज के मीरगंज की करीब आधा दर्जन बेटियां राजस्थान के कोटा में फंसी हुई है। लॉक डाउन की वजह से वहा भी पढाई ठप्प हो गयी है और उनके पास हॉस्टल में रहने के लिए किराये के पैसे और खाने की सामग्री खरीदने के भी पैसे नहीं बचे है।

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