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बिहार के सडको पे अब नहीं चलेगी 15 साल पुराने डीजल वाहन !

बिहार सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए पटना समेत राज्य के कुछ अन्य जिलों में ‘वेस्ट रिसाइकिलिंग प्लांट’ लगायेगी. प्रभारी पर्यावरण एवं वन मंत्री आलोक मेहता ने पी.एम.ए. समाचार एजेंसी को बताया कि प्रदूषण नियंत्रण और कचरा प्रबंधन के लिए राज्य सरकार पटना समेत राज्य के कुछ अन्य जिलों में ‘वेस्ट रिसाइकिलिंग प्लांट’ लगाने जा रही है.

उन्होंने बताया कि सरकार ने राजधानी पटना में प्रदूषण नियंत्रण के लिए 15 साल पुराने डीजन ल वाहनों, दो हजार सीसी के वाहनों के निबंधन और नये ईंट भट्टा के संचालन पर रोक लगाने समेत कई अन्य कदम उठाये हैं. श्री मेहता ने बताया कि पटना में प्रदूषण का सबसे बड़ा नियंत्रण कारण वायुमंडल में धूल कणों की मात्रा का ज्यादा होना है. प्रदूषण को बढ़ाने वाली अन्य वजहें यहां नियंण में है.

उन्होंने कहा कि ठंढ के मौसम में तापमान कम होने के कारण धूल कण नीचे आ जाते हैं और इसके कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. फरवरी से ठंढ में कमी आने के प्रदूषण का स्तर भी घटा है.

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रण में करने के लिए नये ईंट भट्ठा खोलने के वास्ते अनापत्ति प्रमाण पत्र देना बंद कर दिया है. इसके साथ ही अवैध ईंट भट्ठा के संचालन पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी है. उन्होंने कहा कि जो भी पहले से ईंट भट्ठा चल रहे हैं उन्हें अपने भट्ठे को नई तकनीक में परिवर्तित करने के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया गया है.

श्री मेहता ने कहा कि भवन निर्माण की सामग्रियों को 15 फीट तक घेर कर और ढक कर रखने तथा निर्माण सामग्रियों को सड़क पर नहीं रखने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए प्रेशर हार्न पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसी तरह रात्रि में बैंड बाजा बजाने आदि पर भी रोक लगायी गयी है. पर्यावरण मंत्री ने कहा कि प्रदूषण सिर्फ कानून बनाकर रोका नहीं जा सकता है. इसमें लोगों की सहभागिता भी जरूरी है.

उन्होंने कहा कि प्रदूषण को नियंत्रण में करने के लिए सरकार की ओर से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और इसमें स्कूली बच्चों तथा राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के कैडेटों की मदद ली जा रही है.

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