शिवहर: घोषणा के तीन वर्ष से अधिक बीत जाने के बाद भी अब तक नही हुआ सड़क का नामाकरण
शिवहर: शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सेवानिवृत्त शिक्षक नागेंद्र साह को सम्मानित करते हुए सुंदरपुर महुअरिया पथ का नाम नागेंद्र पथ रखने का घोषणा किया गया था लेकिन दुर्भाग्यवश इस दिशा में अब तक उचित पहल होता नहीं दिख रहा है। इस मुद्दे पर न जनप्रतिनिधि गंभीर नजर आ रहें हैं ना ही जिला प्रशासन। दरअसल एक कार्यक्रम में तत्कालीन जिला पदाधिकारी राज कुमार और पुलिस अधीक्षक प्रकाश नाथ मिश्र ने उक्त सड़क का नाम नागेंद्र पथ रखने का घोषणा किया था. घोषणा हुए तीन वर्ष से अधिक बीत चुके हैं। गौरतलब है कि शिवहर के सेवानिवृत्त शिक्षक नागेंद्र शाह पिछले 14 वर्षों से नवाब हाई स्कूल में निशुल्क शिक्षा दान कर रहे हैं।
दरअसल सेवानिवृत होने कें पश्चात अधिंकाश लोग परिवार के साथ समय गुजारना पसंद करते है,लेकिन शिवहर जिला के महुअरिया गाँव निवासी नागेन्द्र साह ने ऐसा नही किया। वो सेवानिवृत होने के बाद भी लगातार 14 बर्षों सें नवाब हाई स्कूल में निरंतर व निशुल्क पढ़ा रहें हैं तथा जिलें के बच्चे उनके अनुभव का लगातार लाभ प्राप्त कर रहे हैं। समान्य स्थिति में उम्र के अंतिम पड़ाव मे हर व्यक्ति घर की जवाबदेही से मुक्त होकर आराम की जिन्दगी व्यतीत करना चाहता हैं। लेकिन सेवानिवृति होने के बाद भी नागेन्द्र साह में शिक्षा दान का जो जज्बा है वह सराहनीय लोगो को प्रेरणा देने वाला हैं।
अन्य लोगो को भी उनसे प्रेरणा ग्रहण कर नई पीढ़ी का भविष्य संवारना चाहिए। इस बारे मे श्री साह कहतें हैं कि मुझे शिक्षादान मे काफी सुकून मिलता है। परिवार से भी मुझे काफी सहयोग मिलता रहा है | मेरे कई छात्र आज विभिन्न सरकारी सेवाओ से जुड़कर जिले का नाम रौशन कर रहे हैं। मैं अन्तिम सांस तक शिक्षादान करना चाहता हूँ।बातचीत के क्रम में हो बताते हैं कि जब वह सेवानिवृत्त हो रहे थे तो स्कूल के बच्चे काफी निराश और दुखी थे कि उनका विषय अब कौन पढ़ाएगा लेकिन उस दिन बच्चे को उदास देखकर श्री साह ने निश्चय किया वो जब तक जीवित रहेंगे बच्चों को निशुल्क शिक्षा दान करते रहेंगे।
वो कहते है 35 वर्षों तक वेतन लेकर पढ़ाने से कही ज्यादा आनंद 13 वर्षों से निशुल्क पढ़ाने मे मिल रहा है।
दरअसल श्री साह का जन्म 26 अगस्त 1945 को शिवहर प्रखंड के हरनाही पंचायत स्थित महुअरिया गाँव मे हुआ ।उनके पिता जी का नाम स्व भोला साह तथा माता का नाम समुन्दरी देवी है । उनका विवाह सन 1966 मे पिपराही प्रखंड के नारायणपुर गांव मे ठाकुर महतो की पुत्री श्री मति लालवती देवी से हुआ । श्री साह को 3 लड़का तथा दो लड़की हैं ।
बात शैक्षणिक सफर की करें तों उनकी प्राथमिक शिक्षा महुअरिया के प्राईमरी स्कूल से ही शुरू हुई जिसे के बाद आदर्श मध्य विधालय शिवहर से मिडिल स्कूल की शिक्षा उन्होंने प्राप्त की ।
उन्होंने नवाब हाई स्कूल शिवहर से 1962 में हायर सेकेंडरी की परीक्षा पास किया ।इसके बाद वो गोयनका काँलेज सीतामढ़ी से सन 1965 में बीकाँम के परीक्षा मे उत्र्तीण हुए । 30 अगस्त 1970 को नवाब हाई स्कूल में शिक्षक के रूप में उनकी बहाली हुई ।
जबकी 1995 उनका तबादला द्वारका नाथ हाई स्कूल मुजफ्फरपुर मे हुआ हालांकि वो पुनः 1998 मे नवाब हाई स्कूल शिवहर मे आ गयें ।
तथा 35 वर्षों तक नौकरी करने के बाद 31 अगस्त 2005 को वो सेवानिवृत्त हुए तब से लेकर अब तक वो नवाब हाई स्कूल में ही निशुल्क शिक्षा दान कर रहें हैं ।
श्री साह के कार्यों से प्रभावित होकर जिला प्रशासन द्वारा उन्हें सम्मानित किया जाता रहा है तत्कालीन जिलाधिकारी राजकुमार तथा तत्कालीन आरक्षी अधीक्षक प्रकाश नाथ मिश्रा ने उनके कार्यों से प्रभावित होकर मंच से घोषणा किया था कि उनके दरवाजे से होकर जो सड़क जाती है उसका नामाकरण नागेंद्र पथ रहेगा लेकिन दुर्भाग्यवश ना तो अब तक उस सड़क का निर्माण हो गया है ना ही उसका नामाकरण हो पाया है ।
शिक्षक कभी रिटार्यड नही होतें
श्री साह कहतें हैं एक शिक्षक सदा शिक्षक ही रहता हैं चाहे वो सेवा में रहे या ना रहे,दरअसल जब तक कोई भी शिक्षक शिक्षा का दान नही करेगा.उसे संतोष नही होगा दरअसल किसी बच्चे के पढ़ाना में आत्मिक सुख का अनुभव होता हैं.
उनके छात्र कहते हैं ये गर्व का विषय है आज भी हमारे समाज में ऐसे शिक्षक हैं जो सेवानिवृत होने के बाद भी शिक्षा दान कर रहें हैं,इससे पुनित कार्य कोई दुसरा हो नही सकता हैं.विशेष रूप से शिक्षा के प्रति उनका जज्बा सबके लिए प्रेरणादायी हैं.वो हमेशा ही छात्रों कों आगे बढ़ने का हौसला भी देते हैं.शिवहर के छात्र उन्हें शिक्षक ही नही बल्कि अभिभावक भी मानते हैं.ये हमारे लिए गर्व का विषय है की हम उनके छात्र हैं ।