गोपालगंज

गोपालगंज: पिछले 14 वर्षो से लगातार कर रहा हूँ रक्तदान, करें रक्तदान अच्छा लगता है – पवन कुमार

गोपालगंज: रक्तदान को महादान माना जाता है। इससे रक्तदाता को आत्मसंतोष और किसी की जान बचाने का सुकून हासिल होता है। स्वस्थ व्यक्ति हर तीन माह में एक बार रक्तदान कर सकता है और अगर देश का हर स्वस्थ नागरिक नियमित रूप से रक्तदान करे तो रक्त की कमी से किसी की मौत नहीं होगी।

अब तक 51 बार रक्तदान कर चुके 37 पवन कुमार ने बताया, ‘मैं 23 वर्ष की उम्र से रक्तदान कर रहा हूं। साल में चार बार रक्तदान जरूर करता हूं। मैं पिछले 14 वर्ष से रक्तदान कर रहा हूँ। आज मैंने अपने जीवन का 52वाँ रक्तदान गोपालगंज सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में आकर किया। रक्तदान मेरे लिए दूसरों का जीवन बचाने और उनकी मदद करने का जरिया है। मेरा खून बहुत से लोगों के काम आता है।

बीबीडीटी समूह का गठन करने वाले शाह आलम का कहना है, ‘मैंने अपने कई दोस्तों के साथ मिलकर एक रक्तदान समूह बनाया है। गोपालगंज के काफी लोगों के पास हमारे फोन नंबर हैं। उन्हें जब भी जरूरत होती है हमें फोन करते हैं और हम एक घंटे के भीतर रक्तदान करने पहुंच जाते हैं। मेरे समूह के ज्यादातर सदस्य दुर्लभ ब्लड ग्रुप्स के हैं। ऐसे में हम ज्यादा लोगों की मदद कर पाते हैं।’ हमारे देश में समय पर रक्त नहीं मिलने के कारण हर साल हजारों लोगों की मौत हो जाती है। अगर सभी लोग साल में एक बार भी रक्तदान करें तो बहुत सी अनमोल जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।

वहीं मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर पी. सी. सिन्हा कहते हैं, ‘रक्तदान के बारे में फैले मिथक के कारण लोग रक्तदान करने से बचते हैं। इनमें सबसे बड़ी गलतफहमी यह है कि रक्तदान करने से कमजोरी आती है, जबकि ऐसा कतई नहीं है। रक्तदान के जरिए जितना खून शरीर से निकलता है उसकी भरपाई शरीर में मात्र तीन ही दिन में हो जाती है। रक्तदान से शरीर को नुकसान की बजाय फायदा ही होता है। इससे शरीर में रक्त कोशिकाएं तेजी से बनने लगती हैं और लाल रक्त कोशिकाओं का पुर्ननिर्माण होता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक रहती है।

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