गोपालगंज: अपने गाँव की आबोहवा को बदलने की कोशिश में जुटा है बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी
बॉलीवुड के मशहूर एक्टर पंकज त्रिपाठी दीवाली के मौके पर अपने पैत्रिक गाँव गोपालगंज के बेलसंड में आये हुए है। वे इन दिनों बॉलीवुड की चकाचौंध से दूर अपने गाँव की मिटटी को सँवारने में लगे हुए है। पंकज अपने गाँव की आबोहवा को बदलने की कोशिश कर रहे है। पंकज देश की आबोहवा और पर्यावरण को बचाने की मुहीम में लगे हुए है। वे अपने गावं के लोगो को पौधा लगाकर पर्यावरण को बचाने की सलाह दे रहे है।
बॉलीवुड के मशहूर कलाकार पंकज त्रिपाठी इन दिनों मुंबई की भागदौड़ से दूर अपने गाँव में सुकून से पौधारोपण कर रहे है। वे अपनों के बीच में लिट्टी चोखा बना रहे है और दोस्तों के बीच खा रहे है।
पंकज त्रिपाठी बरौली प्रखंड के बेलसंड गाँव के रहने वाले है। वे दीवाली की छुट्टी में अपने घर आये हुए है। मीडिया और मुंबई की चकाचौंध से दूर वे अपने गाँव को लोगो को पर्यावरण बचाने की सलाह दे रहे है। पंकज त्रिपाठी रोज सुबह अपने गाँव की सडको पर निकल जाते है। वहा खेतो की हरियाली को देखते है और फिर खुद पौधा लगाने में जुट जाते है।
पंकज त्रिपाठी के मुताबिक वे गांव की गालिओ में पौधा लगा रहे है। हर 25 फीट की दूरी पर वे पौधा लगा रहे है। उन्होंने अपने गाँव में पीपल, बरगद, गुलमोहर सहित कई पौधे लगाये। पंकज के मुताबिक सरकार भी पर्यावरण को बचाने की मुहीम में लगी हुई है। इसलिए पेड़ पौधे लगाना जरुरी है। आने वाले दिनों में पर्यावरण को बचाना बहुत जरुरी है। इसलिए वे अपना भी योगदान दे रहे है। क्योकि अगर पर्यावरण नहीं बचेगा तो ऑक्सीजन कहा से लायेंगे। इसलिए देश के प्रत्येक लोगो को इस मुहीम में जुट जाना चाहिए और खुद पेड़ लगाना चाहिए।
पौधारोपण के बाद पंकज त्रिपाठी ने गोपालगंज के अपने दोस्तों के लिए खुद लिट्टी चोखा बनाया। वे खुद गाय के गोबर से बने उपला पर लिट्टी पकाया। फिर आलू और बैंगन का चोखा बनाकर बिहार के इस मशहूर खाना को अपने दोस्तों के बैठकर खाया। पंकज त्रिपाठी के हाथ से बने खाने को खाने के लिए जिले के पुलिस कप्तान मनोज कुमार तिवारी सहित कई अधिकारी और गाँव के लोग शामिल हुए।
दरअसल पंकज त्रिपाठी 5 दिनों से अपने बुजुर्ग माँ और पिता से मिलने के लिए गोपालगंज में आये हुए थे। यहाँ वे अपने पैत्रिक घर में रहने के बाद कल देर शाम मुंबई वापस लौट गए।