गोपालगंज में गंडक के जलस्तर में कमी, बाढ़ इलाको में घिरे ग्रामीणों की परेशानी में कोई कमी नहीं
गोपालगंज में गंडक के जलस्तर में भले ही कमी आ रही हो। लेकिन बाढ़ प्रभावित इलाको में घिरे ग्रामीणों की परेशानी में अभी कोई कमी नहीं आई है। आज भी सदर प्रखंड और मांझागढ़ प्रखंड के दर्जनों गांवो का जिला मुख्यालय से सम्पर्क टुटा हुआ है और लोग नाव से ही अपनी जरुरी काम करने को मजबूर है। बाढ़ प्रभावित इलाको की सड़के कई दिनों से जलमग्न है और लोग इसी पानी में कई किलोमीटर लम्बा सफ़र तय कर जिला मुख्यालय आते है और खाने पिने की चीजो का जुगाड़ कर पा रहे है।
सदर प्रखंड का खैरटिया, रामनगर, जगरीटोला, मकसूदपुर, खाप, मांझागढ़ प्रखंड का गौसिया, ख्वाजेपुर, निमुइया जैसे दर्जनों गाँव है। जहा गंडक का जलस्तर कम हो रहा है। लेकिन घरो के बाहर पानिमे को कमी नहीं आई है। यहाँ की सड़के, पुलिया पूरी तरह पानी में डूबे हुए है। सबसे ज्यादा परेशानी मवेशियो के चारे और पिने के पानी की है। चारे के लिए लोगो को कई कई दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है। लोग जानजोखिम में डालकर मवेशियो के लिए चारे की व्यवस्था कर रहे है। मरीजो और बुजुर्गो को भी परेशानी है। जिन्हें खाट पर लादकर अस्पताल में लाया जा रहा है।
जिला प्रशासन के द्वारा कई नावों की वयवस्था की गयी है। लोगो को ओवरलोडिंग नहीं करने और शाम 6 बजे के बाद किसी भी तरह की नाव के परिचालन पर रोक लगा दी गयी है। लेकिन लोगो को राहत सामग्री के नाम पर अभी तक कुछ भी नहीं मिला है।
जगरीटोला गाँव के किसान सुभाष सिंह के मुताबिक हजारो एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद हो गयी है। वह गंडक से आयो बाढ़ में फसल डूब गयी है। सैकड़ो एकड़ में लगी गन्ने की फसल भी डूब गयी है। अगर गंडक के जलस्तर में कई दिनों तक कमी नहीं आई तो ये फसल भी बर्बाद हो जाएगी।