गोपालगंज

गोपालगंज में ठेकेदार रमाशंकर सिंह के घर से उनकी डायरी बरामद, डायरी में कैद है हत्याकांड के राज

गोपालगंज में ठेकेदार रमाशंकर सिंह हत्याकांड जुड़े कुछ अहम दस्तावेज आवाज़ टाइम्स को मिले है. जिसमे हत्याकांड से जुड़े आरोपी अभियंताओ की मुश्किलें और बढ़ सकती है.

दरअसल मृतक ठेकेदार रमाशंकर सिंह के हाथ से लिखा हुआ एक डायरी का कुछ हिस्सा आवाज़ टाइम्स को मिला है. जिसमे उन्होंने सम्बंधित अभियंताओ को दी गयी एक एक पैसे का जिक्र किया है. ये सभी पैसे कमीशन के तौर पर अभियंताओ को दिए गए है.

बता दे की बीते 29 अगस्त को गोपालगंज के प्रतिष्ठित ठेकेदार रमाशंकर सिंह की जलसंसाधन विभाग के चीफ इंजिनियर के सरकारी आवास पर जलने से मौत हो गयी थी. इस मौत के बाद मृतक के बेटे राणा प्रताप सिंह ने चीफ इंजिनियर मुरलीधर सिंह, उनकी पत्नी, अधीक्षण अभियंता और कार्यपालक अभियंता के ऊपर जिन्दा जलाकर हत्या करने का आरोप लगाया था. इसके अलावा अन्य चार अज्ञात लोगो को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है. बेटे का आरोप था की जलसंसाधन विभाग में चीफ इंजिनियर के आवास के निर्माण में करीब 60 लाख रूपये का भुगतान लंबित था. जिसके लिए चीफ इंजिनियर और अन्य अभियंताओ के द्वारा 15 लाख रूपये कमीशन की मांग की जा रही थी. कमीशन की राशि नहीं मिलने से नाराज अभियंताओ के द्वारा उनकी जिन्दा जलाकर हत्या कर दी गयी थी. इस घटना के बाद से आरोपी चीफ इंजिनियर, उसकी पत्नी, अधीक्षण अभियन्ता और कार्यपालक अभियंता फरार है.

घटना के चार दिन बाद भी एसआईटी अरोपियो को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. जबकि कोर्ट ने सभियो अरोपियो के खिलाफ गिरफ़्तारी वारंट भी जारी कर दिया है. इस हत्याकांड से जुड़े अब आवाज़ टाइम्स के नए खुलासे के बाद आरोपी अभियंताओ की मुश्किलें बढ़ गयी है. दो दिनों पूर्व आवाज़ टाइम्स ने एक विडियो का खुलासा किया था. जिसमे आरोपी कार्यपालक अभियंता सत्येन्द्र कुमार 30 हजार रूपये घुस ले रहा है और कमिशन की और राशि की मांग कर रहा है. इस विडियो के खुलासे के बाद आवाज़ टाइम्स को मृतक रमाशंकर सिंह के हाथ से लिखा हुआ एक डायरी के कुछ अंश हाथ लगे है जिसमे चीफ इंजिनियर से लेकर सभी अभियंताओ को कब कब कमीशन के तौर पर कितनी कितनी राशि दी गयी है. सबकुछ जिक्र है. इस डायरी के सामने आने से अरोपियो की मुश्किलें लगातार बढती नजर आ रही है.

डायरी के मुताबिक चीफ इंजिनियर ने बिना हैण्डओवर लिए ही सरकारी आवास में रहना शुरू कर दिया था. 12 जून को विधिवत इस सरकारी आवास में गृह प्रवेश किया गया था. गृह प्रवेश के दौरान चीफ इंजिनियर और उसकी पत्नी के साथ मृतक ठेकेदार रमाशंकर सिंह का फाइल फोटो भी है.

अब बड़ा सवाल है की आखिर बिना पैसे का भुगतान किये बिना हैण्डओवर किये चीफ इंजिनियर कैसे इस सरकारी आवास और कार्यालय में रहने लगा. बिना भुगतान किये बिना हैण्डओवर लिए रहना गैर क़ानूनी है.

अब बात करते है इस डायरी की, इस डायरी के एक पन्ने में कुछ पैसे का हिसाब लिखा हुआ है. जिसमे चीफ इंजिनियर से लेकर अन्य अभियंताओ को कमीशन की राशि का तारीख के साथ जिक्र किया गया है. चीफ इंजिनियर को 22 सितम्बर 2018 को 01 लाख, 08 फ़रवरी 2019 को 60 हजार , 14 फ़रवरी 2019 को 50 हजार और दो अप्रैल 2019 को 90 हजार रूपये यानी कुल 03 लाख रूपये कैश दिए गए है.
इसके अलावा कार्यपालक अभियंता को अलग अलग तारीख में 02 लाख 50 हजार, अधीक्षण अभियंता को 90 हजार,  केशियर को 60 हजार, जेई को 50 हजार और एसडीई को 40 हजार रूपये कैश देने का जिक्र है.  इसके अलावा डायरी के दुसरे पन्ने में भी कुछ और राशि चीफ इंजिनियर को देने का जिक्र है इसके साथ ही डिवीज़न ऑफिसर को भी 10 हजार रूपये देने का जिक्र है. यानी इस डायरी से यह तो साफ़ हो गया है की इस विभाग का पूरा सिस्टम पैसे और कमीशन पर टीका हुआ है.

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