गोपालगंज

गोपालगंज: पैक्स अध्यक्ष के हत्या मामले में पुत्र ने महिला सहित तीन लोगों पर दर्ज कराई प्राथमिकी

गोपालगंज के कटेया थाना क्षेत्र के करकटहां पंचायत के पैक्स अध्यक्ष शम्भु जायसवाल के रविवार के दिन पकहां बाजार में हुए हत्या के मामले में मृतक के पुत्र सत्यवान जायसवाल ने एक महिला सहित तीन लोगों पर थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है। वहीं पुलिस ने छापेमारी कर आरोपी महिला इंद्रावती देवी को गिरफ्तार कर लिया है।

अपने दिए आवेदन में सत्यवान जयसवाल ने बताया है कि मेरे पिता के करकटहां पंचायत के पैक्स अध्यक्ष बनने के पहले करकटहां पंचायत के पैक्स अध्यक्ष के पद पर मिश्रौली गांव निवासी गोविंद यादव थे। उनके ऊपर पैक्स की राशि गबन करने के आरोप में वर्ष 2018 में प्राथमिकी दर्ज है। इसी बात को लेकर गोविंद यादव मेरे पिता को हमेशा धमकी देते रहते थे। रविवार के दिन मैं, मेरे पिता शंभु जयसवाल एवं छोटा भाई शत्रुघ्न जायसवाल अपनी दुकान पर बैठे हुए थे। उसी दौरान गोविंद यादव आए और पैक्स में रुपए जमा करने के लिए मांगने लगे एवं धमकी देते हुए चले गए। जब हम लोग धमकी की सूचना थाने में देने के लिए जा रही रहे थे तो एकाएक रास्ते में ही मिश्रौली गांव निवासी गोविंद यादव, संजय यादव एवं गोविंद यादव की पत्नी इंद्रावती देवी ने हमलोगों को घेर लिए। इंद्रावती देवी ने अपने कपड़े में छुपा कर रखें चाकू अपने पति गोविंद यादव को दी और हम लोगों को जान से मारने के लिए अपने पति से बोली। चाकू हाथ में लेते हीं गोविंद यादव ने मेरे पिता को चाकू से वार कर घायल कर दिया और मेरे पिता वहीं बेहोश हो गए। हम दोनों भाई बीच बचाव करना चाहे तो तीनों ने मिलकर हम लोग को भी चाकू से वार कर घायल करने के साथ हीं भाग गए।  वहीं हम लोगों को इलाज के लिए रेफरल अस्पताल कटेया लाया गया। जहां बिगड़ती स्थिति को देख चिकित्सकों ने मेरे पिता शंभु जयसवाल एवं छोटे भाई शत्रुघ्न जायसवाल को बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया। इलाज के लिए ले जाने के दौरान रास्ते में ही मेरे पिता शंभु जायसवाल की मौत हो गई ।

वहीं पुलिस ने मामले की प्राथमिकी दर्ज कर छापेमारी के दौरान महिला आरोपी इंद्रावती देवी को गिरफ्तार कर लिया और दोनों आरोपियों को पकड़ने के लिए छापेमारी तेज कर दी है।

दूसरी तरफ पैक्स अध्यक्ष के शव को गुस्साए ग्रामीणों ने सोमवार के दिन कटेया – पकहाँ मुख्य मार्ग पर रख सड़क जाम कर दिया। ग्रामीणों की मांग थी कि फरार अन्य दो आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द से जल्द की जाए। ग्रामीणों का आरोप था कि जब तक दोनों आरोपी पुलिस की पकड़ में नहीं आएंगे तब तक आवागमन बाधित रहेगा। वही सड़क जाम की बात सुनते हीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक कार्यकर्ता व बुद्धिजीवियों के समझाने के दो घंटे बाद उग्र ग्रामीण शांत हुए। जिससे फिर आवागमन शुरू हुआ ।

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