गोपालगंज: सुरक्षित मातृत्व अभियान में सैकड़ो गर्भवती महिलाओं की हुई निःशुल्क स्वास्थ जांच
गोपालगंज: गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ देखभाल के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान जिले भर में मनाया गया। अभियान के तहत जिला सदर अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी पर गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच कर उपचार किया गया। अभियान का उद्देश्य मातृ और नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करना है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए राष्ट्रीय मुहिम चलाकर गर्भवती महिलाओं को विशेष मुफ्त प्रसव पूर्व देखभाल मुहैया कराई जा रही है।
सिविल सर्जन डॉ नन्दकिशोर प्रसाद सिंह ने बताया कि इस अभियान में सरकारी चिकित्सकों ने गर्भवती महिलाओं को गुणवत्ता पूर्ण चिकित्सा सेवाएं दी। चिकित्सकों के पास दिनभर स्वास्थ्य समस्या बताने वाली महिलाओं का तांता लगा रहा। गोपालगंज सदर अस्पताल समेत सभी प्रखंडो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सैकड़ो महिलाओं को विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं दी गई। अभियान के तहत प्रशिक्षित स्टाफ ने गर्भवती महिलाओं के रक्त परीक्षण, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन, यूरीन टेस्ट, वजन, गर्भ में बच्चे की बढ़त आदि जांच की। इसी के साथ उन्हें खानपान और सरकारी निशुल्क सेवाओं के बारे में बताया गया। गर्भवती महिलाओं की सुविधा के लिए हर महीने की 9 तारीख को जिले के स्वास्थ्य केंद्रों, सरकारी अस्पतालों में कैंप लगाए जाते हैं। संबंधित महिलाएं अपना कार्ड दिखाकर इन कैंपों में जांच आदि करा सकती हैं।
गर्भावस्था या प्रसव के दौरान मां और शिशु की मृत्यु रोकने, उन्हें समय पर उचित इलाज मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) जून 2016 से शुरू किया गया है। इसका लाभ किसी भी समुदाय की महिला उठा सकती है। जिन्हें 3 से 6 माह का गर्भ है, वे महिलाएं नजदीकी सरकारी अस्पताल में अपना पंजीयन कराती हैं तो उन्हें परामर्श, सभी जरूरी जांच तथा दवाई सब कुछ मुफ्त में मिलेगा। पंजीयन के बाद जब आपका कार्ड बन जाता है, तो उसे लेकर आप किसी भी सरकारी अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में जाकर जांच व डिलीवरी करा सकती हैं।
इस योजना से मातृत्व मृत्यु दर कम होगी। गर्भवती महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के मुद्दों, रोगों के बारे में जागरूक कर सुरक्षित प्रसव करा सकेंगे। इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं की सभी प्रकार की डॉक्टरी जांच पूरी तरह से मुफ्त होगी। महिलाओं के टेस्ट चिकित्सा केन्द्रों, सरकारी-निजी अस्पतालों, क्लिनिक में किए जाएंगे। महिलाओं को उनकी स्वास्थ्य समस्याओं के आधार पर स्टीकर देकर चिह्नित किया जाएगा, जिससे इलाज में आसानी होगी। मुफ्त डिलीवरी के बाद बच्चे का सभी तरह का टीकाकरण, उसका चेकअप भी मुफ्त होगा।