गोपालगंज

गोपालगंज में दिव्यांग पति एवं दो मासूम बच्चो को छोड़ कर रात के अँधेरे में पत्नी हुई फ़रार

गोपालगंज में एक विवाहिता युवती अपने गूंगे बहरे पति और दो मासूम बच्चो को लेकर महज इसलिए भाग गयी. क्योकि वह अपने पति से बात नहीं कर पा रही है. पीड़ित पति अपने दो मासूम बच्चो को लेकर रोजाना पुलिस पदाधिकारियो के दफ्तर का चक्कर काट रहा है. ताकि वह अपने दोनों बच्चो को उनकी माँ से मिला सके. पीड़ित गूंगा बहरा पति अपनी शिकायत बोलकर नहीं कर सकता है. इसलिए वह अपने इशारो से ही बता रहा है कि कैसे अचानक रात के अँधेरे में उसकी पत्नी घर में रखे गहने और लाखो रूपये कैश लेकर अपने प्रेमिका के साथ भाग गयी.

गुहार लगाने वाला पति 38 वर्षीय अशोक कुमार सिधवलिया थानाक्षेत्र के सुपौली गाँव के रहने वाले है. वह बचपन से गूंगे और बहरे है. अशोक की शादी 2011 में मोहम्मदपुर की रहनी वाली प्रियंका कुमारी से हुई थी. 35 वर्षीय प्रियंका के माता पिता नहीं है. इसलिए उसकी शादी नानी ने ही अशोक कुमार से किया था. अशोक सिर्फ इशारो में ही अपनी बात समझा सकता है. अशोक ने अपनी पत्नी की फोटो देखते हुए इशारो से बताया कि इस तस्वीर में दिखने वाली महिला उसकी पत्नी है. अशोक को एक बेटी और एक बेटा है. वह अपने घर में बच्चो के साथ सोया हुआ था. तभी उसकी पत्नी भाग गयी. बच्चे अपनी माँ की वापसी के लिए लगातार रो रहे है और माँ से घर वापस लौटने की गुहार लगा रहे है. अशोक के मुताबिक प्रियंका अपने गाँव के ही युवक के साथ घर में रखे गले के सभी गहने और तीन लाख रूपये नगद, कपडे सामान सब लेकर 11 फरवरी की रात भाग गयी. दिव्यांग की पत्नी अपने बच्चो और पति को छोड़कर अपने प्रेमिका के साथ इसलिए भाग गयी क्योकि वह अपने गूंगे बहरे पति से बात नहीं कर पा रही थी.

गाँव के सुनील कुमार उपाध्याय के मुताबिक घटना के बाद से पीड़ित सिधवलिया थाना से लेकर एसपी के दफ्तर तक लिखित आवेदन देकर बरामदगी की गुहार लगा रहा है. लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है.

वही प्रियंका की नानी राजरानी देवी ने बताया कि वह अपनी नतनी की शादी अशोक कुमार से की थी. उनके दामाद बोल नहीं सकते. लेकिन उनकी नतिनी बोलने वाली थी. उसको घर में बहुत सम्मान मिलता था. लेकिन अब वह घर के सारा समान लेकर भाग गयी है. प्रियंका के छोटे छोटे बच्चे है. अपनी माँ के लिए लगातार रो रहे है. इसलिए वह एसपी साहब के यहाँ आवेदन देकर उसकी घर वापसी के लिए गुहार लगाने आई है.

बहरहाल पीड़ित अशोक की समस्या ये है की वह अपनी बातो को इशारे में ही हर किसी को समझाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन उसकी सुनने और समझने वाला कोई नहीं है.

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