गोपालगंज

गोपालगंज के कई अपराधिक मामलो का आरोपी कुख्यात शूटर पप्पू श्रीवास्तव लखनऊ से गिरफ्तार

गोपालगंज जिले में कई संगीन घटनाओ को अंजाम देने वाला कुख्यात अपराधी व शूटर पप्पू श्रीवास्तव उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ के थाना चिनहट से गिरफ्तार किया गया है। यह गोपालगंज जिले के विशम्भरपुर थाना के तिवारी मटिहनिया गाँव निवासी स्व. कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव का बेटा था और कई संगीन मामलो में वारंटी था। यूपी पुलिस व गोपालगंज पुलिस की एक विशेष टीम ने इस गिरफ्तारी को अंजाम दिया है।

यूपी एसटीएफ को पिछले कई दिनों से सीमावर्ती प्रदेशो के वांछित अपराधियों के प्रदेश में छिपे होने की सुचना मिली थी। इसके बाद अपर पुलिस अधीक्षक डा. अरविन्द चतुर्वेदी ने एक टीम गठित कर सभी सूचनाओ को एकत्रित कराया और अभिसूचना तंत्र को लगाया। सुचना तंत्र से मिली खबर के अनुसार बिहार का फरार अपराधी पप्पू श्रीवास्तव अपने पूर्व सहयोगियों के साथ प्रदेश में सक्रिय है। मामले के जानकारी मिलते ही एसएसपी ने बिहार के कई पुलिस अधिकारियो से संपर्क कर इसके अपराधिक इतिहास के बारे में जाना जिससे पता चला है की ये कई अपराधियों के लिए शूटर का काम कर चूका है और कई हत्याओ को अंजाम देकर फरार है। मामले की जानकारी के बाद पुलिस अधीक्षक गोपालगंज से संपर्क कर उसे चिन्हित करने वाली एक विशेष टीम को लखनऊ बुलाया गया जहाँ चिनहट थाने से इसे गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई।

गिरफ्तार होने के बाद पुलिस पूछताछ में अपराधी पप्पू ने बताया की वर्ष 1993 मे उसने अपराधिक जीवन में एक चीनी से लदे हुए ट्रक को लूटकर किया जिसमे उसे जेल भी हुई थी। कुछ ही दिनों में वह बहुत बड़ा अपराधी बन गया था जिसके बाद उसकी मुलाकात सतीश पाण्डेय से हुई जो उसके जमानत व कई रोजमर्रे खर्चे को चलाने लगा और वह उसके लिए काम करने लगा। वर्ष 2002 में पहली बार उसने एक-47 का इस्तेमाल कर अनिल राय की हत्या को अंजाम दिया था। वर्ष 2005 में उसने जेपी यादव की हत्या की। इस हत्या में खुद लालू यादव भी देखने पहुंचे थे। हत्या से लौटते समय से अपने पुराने दुश्मन नवल तिवारी को देख उसकी भी हत्या कर दी। बाद में गोपालगंज के बहुचर्चित ब्रजेश राय हत्याकांड को अंजाम दिया। वर्ष 2006 में लूटकांड को अंजाम देकर लौटते समय दरौली पुलिस ने घेराबंदी कर ली जिससे बचने के लिए उसने पुलिस पर एके-47 से फायर कर दिया जिसमे मैरवा इंस्पेक्टर योगानन्द सिंह मारे गये। वह यूपी के तरेय सुजान के राजेश तिवारी के हत्याकाण्ड में भी वांछित है। वर्ष 2014 में उसने कृष्णा शाही के ऊपर भी गोली चलाया था जिसमे वह बच गया था।

गिरफ्तार अपराधी पप्पू श्रीवास्तव की माने तो एक समय में सतीश पाण्डेय के पास 6 एके-47 राइफ़ले थी, जो हत्या करने के लिए दिए जाते थे। जबकि राजन तिवारी के पास भी कई एके-47 राइफ़ले थी। अभियुक्त को ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद गोपालगंज लाया जा सकेगा। 12 से अधिक गंभीर मामलो में वांछित अपराधी को कभी पुलिस गिरफ्तार नही कर सकी और न ही थाने में उसकी कोई फोटो लगी थी।

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