गोपालगंज: चारा घोटाला मामला में फैसला आते ही फुलवरिया में छायी मायूसी
चारा घोटाला मामला के देवघर कोषागार केस में जैसे ही राजद सुप्रीमो लालू यादव को दोषी करार दिया गया,वैसे ही लालू के पैतृक गांव में ग्रामीण मायूस हो गए। गांव की सड़कों व गलियों में सन्नाटा पसर गया। ग्रामीणों को यह उम्मीद थी कि उनके गांव के लाल को कोर्ट द्वारा बरी कर दिया जाएगा। लेकिन तमाम हवन यज्ञ,मन्नतों व उम्मीदों के बावजूद कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के फैसले से ग्रामीण निराशा में डूब गए।
शनिवार की दोपहर से ही ग्रामीण फैसले को जानने के लिए अपने-अपने घरों में टीवी से चिपके रहे। फैसला आने के बाद लोग बाहर आकर एक-दूसरे से अपनी भावना रोषपूर्ण तरीके से प्रकट करने लगे। किसी ने कहा कि उनके नेता पूरी तरह निर्दोष हैं,तो किसी ने इसे विरोधियों की साजिश बताया। किसी ने कहा कि राजद सुप्रीमों की लोकप्रियता को लेकर उनके विरूद्ध साजिश रच कर फंसाया गया है। फुलवरिया प्रखंड मुख्यालय स्थित सभी दुकानें फैसला आते ही बंद हो गयी। दुकानदारों ने फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए स्वेच्छा से अपनी दुकानें बंद करने की बात कही। दुकानदारों ने कहा कि हमारे गांव व क्षेत्र की पहचान लालू से ही है। इस संकट की घड़ी में हम सब उनके साथ हैं। राजद सुप्रीमो के भतीजे रामानंद यादव व नीतीश यादव ने इस फैसले के प्रति काफी दु:ख प्रकट करते हुए उम्मीद जतायी कि ऊपरी अदालत से जरूर न्याय मिलेगा।