बिहार मुख्यमंत्री नीतीश ने दिया निर्देश “बाढ़ पीड़ितों को बकरीद से पहले मिलेगी राशि”
प्रदेश के बाढ़पीड़ित परिवारों को बकरीद के पहले नकद सहायता राशि दे दी जायेगी. इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को निर्देश दिया. सभी जिलाें के डीएम के साथ हुई वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में उन्होंने निर्देश दिया कि बाढ़पीड़ित परिवारों को जल्द-से-जल्द छह-छह हजार रुपये की सहायता दे दी जाये. बरतन, कपड़ा व अन्य सहायता के लिए यह राशि सीधे बाढ़पीड़ित परिवारों के बैंक खाते में भेजी जाये.
जिन बाढ़पीड़ित परिवारों का बैंक एकाउंट नहीं है, उनका खाता खुलवा कर उसमें आरटीपीजीएस के जरिये राशि डाली जाये. 1,अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास के नेक संवाद में आयोजित वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार की बाढ़ अभूतपूर्व है. हमने पूरे बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया है. अधिकारियों को भी निर्देश देकर बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कराया गया, ताकि वे स्थिति का सही आकलन कर सकें. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बताया था कि सड़कों में जलनिकासी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए. इस पर नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से भी बातचीत हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पंचायत सरकार भवनों में या उनके परिसर में कुछ ऐसा इंतजाम हो कि बाढ़ आने पर इन स्थानों पर कम्युनिटी रिलीफ सेंटर चलाया जा सके.
इसके अलावा जहां नये पंचायत सरकार भवन बनने हैं, वहां पर भी इसका ख्याल रखा जाये. उन्होंने कहा कि बाढ़ की समस्याओं को लेकर कैबिनेट के साथियों के साथ भी विस्तार से चर्चा हुई है. बिहार के संदर्भ में यह कहना मुश्किल है कि कब, कहां, कौन-सी आपदा आ जाये. बिहार आपदा प्रोन राज्य है. हमें हर समय तैयार रहना है. प्रैक्टिल एप्रोच से हमें काम करना होगा. वज्रपात के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि आंध्रप्रदेश में वज्रपात के अनुमान की दिशा में काम किया गया है.
उसी तरह यहां भी किया जायेगा. वज्रपात के आधा घंटा पूर्व उसकी जानकारी मिल जायेगी, जिससे उस क्षेत्र के लोगों को मोबाइल से आगाह किया जा सकेगा. आने वाले पर्वों की तैयारी व विधि-व्यवस्था बनाये रखने को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक सौहार्द, आपसी प्रेम व भाईचारा बिहार की परंपरा है, इसे हर हालत में बनाये रखना है. उन्होंने असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत कार्य, पर्व-त्योहारों को लेकर तैयारी, विधि व्यवस्था, शराबबंदी सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा की.