पठानकोट में एयरफोर्स बेस पर हमले के पीछे आतंकी मसूद अजहर का भाई !
पंजाब के पठानकोट में बीते दिनों एयरफोर्स बेस पर हुए आतंकी हमले के पीछे मास्टरमाइंड आतंकवादी मसूद अजहर के छोटे भाई रऊफ का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। मीडिया में सामने आई कुछ रिपोर्टों के अनुसार, इसमें सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मौलाना मसूद अजहर के भाई रऊफ ने इस हमले की साजिश रची है। बीते दिनों पठानकोट हमले के पीछे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का नाम सामने आया था।
जैश-ए-मोहम्मद का मुखिया आतंकी मौलाना मसूद अजहर है। मसूद अजहर ही वो आतंकी है जिसे छुड़ाने के लिए कंधार हाईजैक की साजिश रची गई थी। 17 साल पहले 1999 में कांधार हाईजैक मामले में भारत ने रिहा किया था।
क्या मसूद अजहर है पठानकोट हमले का मास्टरमाइंड?
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के बहावलपुर में रहने वाला मसूद अजहर नए साल के मौके पर भारत में हमले की साजिश रच रहा था। भारत की ख़ुफ़िया एजेंसियों के मुताबिक पाकिस्तान में अल रहमान ट्रस्ट चलाने वाले मौलाना अशफाक, हाफ़िज़ अब्दुल गफूर और कासिम जान पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड हैं।
इतना ही नहीं खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक हमले से पहले आतंकियों ने पाकिस्तान में अपने आकाओं से बात भी की। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हमले के पीछे जैश के होने से इंकार नहीं किया। ज्ञात हो कि यूएन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, और भारत समेत कई देशों में मसूद अजहर के संगठन पर बैन है फिर भी मसूह अजहर पाकिस्तान में खुलेआम रैलियों में जहर उगलता है।
24 दिसंबर 1999 को 5 हथियारबंद आतंकवादियों ने 178 यात्रियों के साथ इंडियन एयरलाइंस के हवाई जहाज आईसी-814 को हाइजैक कर लिया। हरकत-उल-मुजाहिद्दीन के आतंकियों ने भारत सरकार के सामने 178 यात्रियों की जान के बदले में तीन आतंकियों की रिहाई का सौदा किया।
कोई संदेह नहीं कि पाकिस्तानी थे पठानकोट के हमलावरः NIA चीफ
भारत सरकार ने यात्रियों की जान बचाने के लिए जिन तीनों आतंकियों को छोड़ने का फैसला किया था उन्हीं मे से एक है मसूद अजहर। पठानकोट में हुए ताजा आतंकी हमले से साफ हो गया है कि पाकिस्तान में बैठे आतंकी भारत के खिलाफ हमले तेज करने की कार्रवाई की साजिश रच रहे हैं। बता दें कि पाकिस्तान के 5 आतंकियों ने काठमांडू से दिल्ली आ रहे इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी 814 को अगवा किया और उसे अफगानिस्तान के कंधार लेकर चले गए थे।
हरकत-उल-मुजाहिद्दीन के आतंकियों ने भारत सरकार के सामने 178 यात्रियों की जान के बदले में तीन आतंकियों की रिहाई का सौदा किया था। 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। वाजपेयी सरकार ने यात्रियों की जान बचाने के लिए मसूद अजहर समेत तीन आतंकियों को छोड़ने का फैसला किया था।