जानें वो 10 बातें जिन्होंने सुशील मोदी को बनाया महागठबंधन तोड़ने के लिए हीरो
कहा जा रहा है कि बिहार में रातों रात सियासत बदल गई है। अचानक से नीतीश कुमार का इस्तीफा देना फिर तुरंत ही बीजेपी का समर्थन और कुछ ही घंटों के अंदर दोबारा नीतीश का मुख्यमंत्री पद पर शपथ लेना। सभी का मानना है कि ये पूरा घटनाक्रम रातों रात हो गया लेकिन इसकी शुरुआत एक लंबे वक्त पहले से ही कर दी गई थी। 4 साल बाद जेडीयू और बीजेपी के गठबंधन की सरकार बनने की नींव बहुत लंबे वक्त पहले ही रख दी गई थी।
बिहार में सत्ता पलट करने और इस गठबंधन को दोबारा बनाने में अहम भूमिका निभाने का काम सुशील कुमार मोदी ने किया हैं। सुशील मोदी ने ही बहुत पहले से महागठबंधन को तोड़ने का काम शुरु कर दिया था। सुशील मोदी अच्छे से जानते थे कि अगर महागठबंधन टूटा तो नीतीश को सरकार बनाने के लिए बीजेपी के पास ही आने होगा। तो बस तभी से वह इस कवायद में लग गए थे कि किस तरह से लालू और नीतीश को तोड़ा जाए।
सुशील मोदी ने ही लालू परिवार पर भ्रष्टाचार के मामलों का खुलासा कर आरजेडी और जेडीयू के बीच दरार की कहानी शुरू की थी, जाे बीती शाम काे इस मुकाम पर अा पहुंची कि महागठबंधन टूटकर बिखर गया। और सुशील अपने मकसद में कामयाब हुए। कांग्रेस की तरफ से की गई लाख काेशिशाें के बावजूद भी सुशील के दांव ने सभी काे मात दे दी।
इन 10 वजहाें से सुशील ने रची महागठबंधन में दरार की कहानी-
1) 4 अप्रैल 2017 को सुशील मोदी ने लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पर मिट्टी घोटाले का आरोप लगाया। ये सुशील मोदी का पहला आरोप था जिससे इस दरार की शुरुआत हुई। इसके बाद सुशील मोदी ने एक के बाद एक लालू यादव और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार के बम फोड़े।
2) इसके बाद उन्हाेंने पटना में मॉल का मुद्दा उठाया।
3) फिर सुशील बेनामी संपत्ति के आरोप लगाकर कई दिनों तक लालू यादव और उनके परिवार पर हमला बोलते रहे। सुशील मोदी के द्वारा लगाए गए आरोपों में लालू, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बड़े बेटे तेज प्रताप यादव, छोटे बेटे तेजस्वी यादव, बड़ी बेटी मीसा भारती और उनके पति शैलेष, लालू की छोटी बेटी नंदिनी और चंदा थे। सुशील ने पूरी तरह से लालू यादव के परिवार को गेर लिया था।
4) सुशील मोदी ने लालू के परिवार को करोड़ों के फ्री गिफ्ट के मामले में भी घेरा। सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उनके भाई तेजप्रताप की खुद और उनके परिवार की एक हजार करोड़ से ज्यादा की बेनामी संपत्तियां हैं।
5) इसके अलावा तेजस्वी और तेजप्रताप को चाचा और नाना से भी करोड़ों रुपये के उपहार मिले हैं, जो जांच के दायरे में आते हैं।
6) लालू की पत्नी राबड़ी देवी को उनके नौकर ललन चौधरी ने 2014 में करीब एक करोड़ रुपए की जमीन दान में दी थी। ललन के नाम से बीपीएल कार्ड भी बना हुआ है। जिस पर सुशील मोदी ने लालू के परिवार को आड़े हाथ लिया था।
7) इन्हीं आरोपों के दम पर सीबीआई और ईडी ने लालू परिवार पर शिकंजा कसना शुरू किया और जुलाई आते आते लालू यादव के परिवार के खिलाफ केस दर्ज कर उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की गई।
8) अप्रैल से शुरू हुआ था सुशील मोदी का अभियान साढ़े तीन महीने बाद सफल हो गया था।
9) जैसे ही नीतीश ने लालू से अलग होने का ऐलान किया था तो पटना से लेकर दिल्ली तक बीजेपी सक्रिय हो गई थी और कुछ मिनटों में ही उन्हाेंने जेडीयू काे समर्थन देने का ऐलान कर दिया।
10) सुशील मोदी 2013 तक बिहार सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे थे और नीतीश के सबसे भरोसेमंद साथी माने जाते थे। इसलिए नीतीश का भरोसा दोबारा जीतकर वह 2017 में फिर से डिप्टी सीएम बन गए है।