पश्चिम बंगाल में TMC से गठबंधन चाहती है कांग्रेस
पश्चिम बंगाल में 2016 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस CPIM के बजाय सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहती है। लेकिन पश्चिम बंगाल कांग्रेस इसके पक्ष में नहीं है। CPIM के भीतर भी कांग्रेस से गठबंधन को लेकर एक राय नहीं है। कारण है- सीपीएम की केरल यूनिट। केरल सीपीएम कांग्रेस के खिलाफ है।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने कांग्रेस सूत्रों के हवाले से कहा है कि वह टीएमसी को प्राथमिकता देगी। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि 2019 के आम चुनाव को भी देखें तो हमने टीएमसी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला लेना है। ताकि 2019 में राज्य में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीती जा सकें। कांग्रेस हाईकमान ने टीएमसी से गठबंधन के लिए अपनी राज्य यूनिट से भी राय मांगी है, जो इस फैसले के खिलाफ है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने किसी भी पार्टी से गठबंधन के कयासों पर विराम लगाते हुए बीते सप्ताह ही कह दिया था कि आगामी विधानसभा चुनाव कांग्रेस अपने दम पर लड़ेगी। चौधरी ने हुगली जिले के सिंगूर में एक जनसभा में कहा था कि कांग्रेस राज्य में कमजोर जरूर हुई है। लेकिन हम धीरे-धीरे मजबूती पकड़ रहे हैं और अपनी ताकत के आधार पर ही चुनाव लड़ेंगे। चौधरी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का विरोधी माना जाता रहा है। वह उन्हें मौकापरस्त कहते रहे हैं।
टीएमसी को कांग्रेस से गठबंधन करने में कोई ऐतराज नहीं है। ताकि कांग्रेस वामदलों के साथ गठबंधन न कर सके। यदि कांग्रेस और वामदल मिल जाते हैं तो सत्ता विरोधी लहर से टीएमसी को नुकसान पहुंच सकता है। साथ ही अल्पसंख्यक वोटों का ध्रुवीकरण भी हो सकता है। वैसे, पिछला विधानसभा चुनाव राज्य में कांग्रेस और टीएमसी ने मिलकर ही लड़ा था और 2009 के लोकसभा चुनाव में भी दोनों दल साथ थे।
Hume pura biswas hai sarkar par ye sab virodhi ki sajish hai