गोपालगंज एसएमडी कालेज परिसर पुलिस छावनी में तब्दील, दुसरे दिन भी जमे रहे छात्र
एसएमडी कालेज जलालपुर में प्रवेश पत्र को लेकर छात्रों द्वारा हंगामा किये जाने के बाद वुधवार को कालेज परिसर में पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। 15 जून से शुरू होने वाले बीए पार्ट वन के परीक्षा के एडमिट कार्ड के लिए आज भी हजारों छात्र काफी परेशान रहे। लगभग तीन करोड़ रूपये के अनुदान घोटाले में फंसे प्राचार्य रामदुलार दास चार माह से गिरफतारी के डर से फरार है। जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा ने महज सात सौ छात्रों को ही एडमिट कार्ड निर्गत किया है, जबकि प्राचार्य ने 4हजार 6 सौ 7 छात्रों का बीए पार्ट वन का फर्म भरवाया। जिसमें प्राचार्य ने फर्म भरने के लिए आठ हजार से लेकर दस हजार रूपये लिया था । जबकि जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा का फ्रीस मात्र एक हजार 6 सौ 65रूपया ही है। बक्सर जिला से आये छात्र प्रमोद कुमार ने आठ हजार रूपया देकर 14-17 सत्र के लिए बीए पार्ट वन का फर्म भरा। उसका भी एडमिड कार्ड नहीं आया। वह दो दिनों से परेशान है। औरंगाबाद के प्रियरंजन का भी यही हाल है। वह कालेज परिसर में ही रो रोकर कह रहा था कि अपने भविष्य को लेकर जब अपनी बात रखी जा रही है तो पुलिस पीट रही है। कालेज प्रबंधन कुछ सुनने के लिए तैयार ही नहीं है। आखिर जाये तो कहा। यह दर्द प्रमोद और प्रियरंजन की नहीं है, ऐसे चार हजार छात्र है, जिनका भविष्य अंधकार में पड़ा हुआ है। कालेज के कार्यवाहक प्राचार्य प्रेमचंद्र मिश्र का कहना है कि इस मामलें में जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति दोषी है। विश्वविद्यालय छपरा के रजिस्ट्रार ने छात्रों का फर्म भरने का आदेश दिया था। लेकिन कुलपति ने उनके आदेश को जब रद्द कर दिया तो कालेज प्रबंधन ने माननीय उच्च न्यायलय का दरवाजा खटखटाया जिसपर माननीय उच्च न्यायलय ने कुलपति को स्वविवेक पर निर्णय लेने का आदेश दिया। लेकिन कुलपति ने बीए पार्ट वन के 4 हजार 6 सौ 7 छात्रों का का प्रवेशपत्र ही निर्गत नहीं किया। जब पूछा गया कि फर्म भरने में कितना पैसा लिया गया है तो उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी मुझे नहीं है। प्राचार्य महोदय के स्तर की बात है, हालांकि उन्होंने बताया कि अनुदान में मामलें में निगरानी विभाग के डर से प्राचार्य फरार चल रहे है।