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पार्टी विरोधी गतिविधियों का सबूत दें अमित शाह – कीर्ति आजाद

वित्त मंत्री अरुण जेटली पर हमला करने के लिए निलंबित किये गए भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने आज पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर अपनी ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ का सबूत मांगा और कहा कि वह पार्टी के ‘‘वफादार सैनिक” रहे हैं।

दरभंगा से तीन बार लोकसभा चुनाव जीत चुके आजाद ने यह भी उल्लेख किया कि उन्हें भेजे गये निलंबन के पत्र में ‘‘डीडीसीए भ्रष्टाचार” का कोई उल्लेख नहीं किया गया है जिसे लेकर उन्होंने जेटली पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि इसने उन्हें यह भरोसा हुआ कि भाजपा का इस मामले से कोई लेना देना नहीं है। यह विशुद्ध रुप से पार्टी के दायरे से बाहर है।

उन्होंने शाह को लिखा, ‘‘निष्पक्षता से और स्वभाविक न्याय के सिद्धांत के तहत, मैं इसके इंतजार में हूं कि पार्टी के हितों के खिलाफ काम करने के मुझ पर लगे गंभीर आरोपों से अपना नाम साफ करने का मुझे एक मौका मिलेगा।” उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे जल्द से जल्द उदाहरण और सबूत मुहैया करायें कि मैं पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हुआ ताकि मैं संदेह दूर कर सकूं और आपको आपके संतोष के मुताबिक जवाब मुहैया करा सकूं तथा इसकी पुष्टि कर सकूं कि मैंने न तो पार्टी के संविधान और न ही पार्टी के हितों के खिलाफ काम किया है।”

वित्त मंत्री अरुण जेटली पर हमला करने के लिए निलंबित किये गए भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने आज पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर अपनी ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ का सबूत मांगा और कहा कि वह पार्टी के ‘‘वफादार सैनिक” रहे हैं।

दरभंगा से तीन बार लोकसभा चुनाव जीत चुके आजाद ने यह भी उल्लेख किया कि उन्हें भेजे गये निलंबन के पत्र में ‘‘डीडीसीए भ्रष्टाचार” का कोई उल्लेख नहीं किया गया है जिसे लेकर उन्होंने जेटली पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि इसने उन्हें यह भरोसा हुआ कि भाजपा का इस मामले से कोई लेना देना नहीं है। यह विशुद्ध रुप से पार्टी के दायरे से बाहर है।

उन्होंने शाह को लिखा, ‘‘निष्पक्षता से और स्वभाविक न्याय के सिद्धांत के तहत, मैं इसके इंतजार में हूं कि पार्टी के हितों के खिलाफ काम करने के मुझ पर लगे गंभीर आरोपों से अपना नाम साफ करने का मुझे एक मौका मिलेगा।” उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे जल्द से जल्द उदाहरण और सबूत मुहैया करायें कि मैं पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हुआ ताकि मैं संदेह दूर कर सकूं और आपको आपके संतोष के मुताबिक जवाब मुहैया करा सकूं तथा इसकी पुष्टि कर सकूं कि मैंने न तो पार्टी के संविधान और न ही पार्टी के हितों के खिलाफ काम किया है।”

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