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भूस्खलन से बद्रीनाथ राजमार्ग बंद, चारधाम यात्रा के दौरान मरने वालों की संख्या 17

चारधाम यात्रा पर गए यात्रियों में हार्टअटैक से मरने वालों का आकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. बदरीनाथ धाम में अभी तक दो यात्रियों की हार्ट अटैक से जान जा चुकी थी. अब और दो यात्रियों की मौत से ये आकड़ा बढ़कर चार हो चुका है, जबकि चारों धामों में अबतक लगभग 17 यात्रियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है.

पिछले कुछ समय से चमोली जिले में लगातार हो रही बारिश यात्रियों के लिए मुसीबत बन गयी है. शुक्रवार को विष्णुप्रयाग के नजदीक हाथीपहाड़ में भूस्खलन से बद्रीनाथ हाईवे बाधित हो गया है. हाईवे पर करीब 15 हजार यात्री फंसे हैं. भूस्खलन के बाद प्रशासन ने लोगों को रास्ते में ही रोक दिया है. शुक्रवार दोपहर तीन बजकर 23 मिनट पर हाथीपहाड़ में अचानक चट्टान टूट कर गिरने के बाद हाईवे का 50 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया.

सूत्रों की माने तो, महाराष्ट्र के सतारा जिला स्थित ग्राम औद के रहने वाले गजानन मारुति (65 वर्ष) के बेटे मारुति माने बदरीनाथ धाम दर्शन के लिए बस से पहुंचे थे. जैसे ही वे बस अड्डे पर पहुंचे बस से उतरने से पहले ही उन्हें अटैक आ गया. जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गयी.

चारधाम की यात्रा 28 अप्रैल से शुरू हुई थी तब से लेकर अबतक हृदय गति रुकने से 17 यात्रियों की मौत हो चुकी है. इनमें सर्वाधिक दस यात्रियों की मौत यमुनोत्री धाम में हुई. जबकि, के दारनाथ में दो और बदरीनाथ में चार यात्रियों की हार्टअटैक आने से मौत हुई.

हाथीपहाड़ में दोनों छोरों पर 500 से अधिक छोटे-बड़े वाहन फंसे हैं. बद्रीनाथ धाम में फंसे यात्रियों को फिलहाल वहीं रुकने के लिए कहा गया है, जबकि बद्रीनाथ धाम जानेवाले यात्रियों को जोशीमठ, पीपलकोटी, चमोली आदि यात्रा पड़ावों पर रोका गया है. प्रशासन के अनुसार, बद्रीनाथ धाम में 15 हजार के करीब यात्री फंसे हुए हैं, जबकि अन्य यात्रा पड़ावों पर तकरीबन दस हजार यात्री मौजूद हैं. हाथीपहाड़ से बद्रीनाथ की ओर फंसे यात्रियों को प्रशासन ने गोविंदघाट गुरुद्वारे में ठहराने की व्यवस्था की है.

प्रशासन के निर्देशों पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भोजन की भी व्यवस्था की है. चमोली के जिलाधिकारी आशीष जोशी के अनुसार, हाईवे के शनिवार तक खुलने की उम्मीद है. ऐसे में यात्रियों को कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग, चमोली, पीपलकोटी, जोशीमठ में रोका जा रहा है. बद्रीनाथ में मौजूद यात्रियों को बद्रीनाथ ही रोक दिया गया है. चमोली के जिलाधिकारी आशीष जोशी ने बताया कि सीमा सड़क संगठन के जवान मलबे को साफ करने में लगे हैं और शनिवार दोपहर तक राजमार्ग को यातायात के लिए खोल दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि बद्रीनाथ की यात्रा पर आये श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए उन्हें जोशीमठ, पीपलकोटी, कर्णप्रयाग, गोविंदघाट और बद्रीनाथ में ही सुविधाजनक स्थानों पर ठहरने को कहा गया है. दोपहर बाद अचानक हाथीपहाड़ से चट्टान खिसकनी शुरू हो गयी जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग से लेकर अलकनंदा नदी तक का बड़ा इलाका मलबे से भर गया.

बिहार के एक यात्री समेत दो की मौत

तमिलनाडु और बिहार के बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर आये दो तीर्थयात्रियों की हार्ट अटैक से मौत हो गयी है. ऐसे में बद्रीनाथ धाम यात्रा के दौरान अब तक छह यात्री जान गंवा चुके हैं, जबकि चारों धामों की यात्रा के दौरान मरनेवालों की संख्या 18 हो गयी है. बद्रीनाथ पहुंचे चेन्नई (तमिलनाडु) निवासी एनके शेखर (60 वर्ष) को रात सीने में दर्द की शिकायत हुई. इससे पहले कि उन्हें अस्पताल पहुंचाया जाता, रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया. उधर, बिहार के पटना निवासी दुर्गाशंकर डे (61) पुत्र जितेंद्र मोहन को भी गुरुवार रात सीने में दर्द की शिकायत पर अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उनकी भी मौत हो गयी. अब तक यमुनोत्री में दस, बद्रीनाथ में छह और केदारनाथ में दो यात्रियों की मौत हृदयगति रुकने से हो चुकी है.

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