पुलिस ने हिरासत में युवक को बेरहमी से पीटा, छोड़ने के बदले मांगी 1 लाख की रिश्वत
पुलिस का काम संविधान के अंतर्गत बनाए कानून को ईमानदारी से पालन और लागू करना होता है। लेकिन समय-समय पर कुछ मामले ऐसे आते हैं जो पुलिस का शर्मनाक चेहरा उजागर कर देते हैं। यूपी की नई योगी सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी पुलिस की कार्यशैली में कोई बदलाव नजर नही आ रहा है। पुलिस अपनी कार्यप्रणाली से आये दिन चर्चा में बनी रहती है। अब ये ताजा मामला ऊंचाहार कोतवाली का है। यहां पर तैनात कोतवाल अपनी विवादित कार्यशैली के कारण कई दिनों से चर्चा मे बने हुए है।
दरअसल, पिछले बुधवार पहले एक महिला की चाकू मार कर हत्या कर दी गयी थी। जिसमें पुलिस शक की नजर से दो लोगों को पकड़ कर थाने ले आयी थी। आरोप है कि चार दिनों से पुलिस उनकी पिटाई कर जबरदस्ती उनसे अपराध कबूलवाना चाह रही थी ।
महिला हत्याकांड मे पूंछताछ के लिए हिरासत (Custody) मे लिए गए युवक को इतना पीटा गया कि वह मरणासन्न हो गया और पुलिस उसे सीएचसी मे फेंक आयी । सुबह जब प्रमोद पाण्डेय के परिवार के सदस्य उसको खाना देने के लिए थाने आये तो उसे थाने में न पाकर पूछताछ शुरू की तो उन्हें बताया गया कि तबियत खराब होने के चलते सीएचसी में भर्ती करा दिया गया है। प्रमोद की हालत गंभीर देख उसके परिजन उसको NTPC ले आये। जहां उसकी गंभीर हालत देख डाक्टरों ने उसे लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया।
क्या है मामला
एक मई को क्षेत्र के गांव नजनपुर मे कल्पना नाम की महिला की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गयी थी। पुलिस ने इस हत्याकांड मे महिला के पुरुष मित्रों को हिरासत मे लिया था। जिसमें 1 तारीख को ही रात मे क्षेत्र के बरसवा निवासी युवक प्रमोद पाण्डेय पुत्र राम नारायन को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
पत्नी का आरोप, पुलिस ने मांगी रिश्वत
प्रमोद की पत्नी शीला देवी का आरोप है कि पुलिस प्रमोद को लगातार अमानवीय तरीके से प्रताड़ित कर रही थी। उसे भूखा रखा गया, खाना भी नहीं दिया गया। पत्नी का आरोप है कि पुलिस ने उसके पति को छोड़ने के लिए एक लाख रुपये की मांग की और उसने 40 हजार रुपए पुलिस को दिये भी थे लेकिन 60 हजार रुपए की मांग और की जा रही थी। उसके बाद बुधवार की रात प्रमोद को हिरासत में इतना पीटा गया कि वह बेहोश हो गया। पुलिस ने जब उसकी यह हालत देखी तो सबके हाथ पांव फूल गए और वह तुरंत उसको सीएचसी ले गयी और वहां उसको भर्ती कराकर चले गए। लावारिस अवस्था में प्रमोद का सीएचसी मे रात भर इलाज चलता रहा। गुरुवार सुबह जब प्रमोद के परिवार वाले उसके लिए खाना लेकर कोतवाली पहुंचे तो उनको बताया गया प्रमोद यहां नहीं है।
जब परिजन उसको खोजते सीएचसी पहुंचे तो वहां डाक्टरों ने उसकी गंभीर दशा को देखते हुए उसको रेफर कर दिया। उसके बाद प्रमोद को उसके परिजन NTPC अस्पताल ले गए। वहां पर डाक्टरों ने जब उसकी दशा को देखा तो दंग रह गए। वहां भी उसकी गंभीर दशा को देखते हुए उसे ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया। परिजन उसको लेकर राजधानी लखनऊ गए।
मामले की होगी जांच
अब इस मामले मे कोई आला अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। एसपी गौरव सिंह ने बताया कि मामले की जांच सीओ डलमऊ से करायी जा रही है।