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जब यूपीए सरकार ने करैंसी बदलने का निर्णय लिया था, तब भाजपा ने गरीबों को तबाह करने वाला फैसला बताया था

पांच सौ और हजार के नोट बंद होने पर पीएम मोदी के इस कदम को भाजपा नेताओं द्वारा खूब सरहाना मिल रही है, लेकिन एक बात गौर करने वाली है कि क्यूं बीजेपी ने यूपीए के शासन काल में सरकार के नोट बदलने के फैसले को लेकर  इस पर सवाल खड़े किए थे।

मोदी सरकार ने अपने बचाव में  बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को उतारा अमित शाह ने नोट बंदी पर प्रेस कॉन्फैस में इसे किसान, मजदूर, गरीब के हितों की रक्षा करने वाला कदम बताया और कहा इस से किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी।

प्रेस कॉन्फ्रैस में अमित शाह ने जनता से अपील की थी कि वो इस मुहिम से जुड़े और इसका समर्थन करे शाह ने कहा था कि कुछ तकलीफ सहते हुए अगर देश के अर्थतंत्र को बहुत बड़ा फायदा होता है, तो जनता को सरकार का सहयोग करना चाहिए।

मोदी सरकार के इस फैसले से अब तक काला धन मिलने की तो कोई खबर नहीं आई है बल्कि नोट बदलने के लिए मची अफरा तफरी से मरने की खबर ज़रुर आ रही है। अमित शाह द्वारा नोट बैन से देश को बड़ा फायदा बताने की बात तब क्यूं आलोचना में बदल गई थी जब यूपीए सरकार ने इस तरह का निर्णय लिया था।

जनवरी 2014 में जब यूपीए सरकार ने 2005 से पहले जारी हुए 31 मार्च तक के लिए बदलने का निर्णय लिया था तब बीजेपी प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने तत्कालीन वित्त मंत्री के इस कदम की आलोचना की थी, और कहा था कि सरकार द्वरा चलाई जा रही ये पॉलिसी काले धन के लिए कुछ नहीं करती है।

लेखी ने उस निर्णय को गरीब विरोधी करार देते हुए कहा था कि इससे उन लोगों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जिनके खाते स्विस बैंकों में हैं, बल्कि असर उनपर पड़ेगा जिनके पास भारत में भी कोई बैंक खाता नहीं है।

लेखी ने कहा था, जिनके पास काला धन है, वे आसानी से काले धन को सफेद कर लेंगे क्योंकि उनके पास वो सुविधा है लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर आम औरतें और आम आदमी पर पड़ेगा, जो अनपढ़ हैं और उनके पास बैंकिंग सुविधा सुविधा नहीं है।”

उन्होंने  कहा था कि देश की 65 फीसदी जनता के पास बैंक खाते नहीं है।  ऐसे लोग नकद पैसे रखते हैं और पुराने नोट को बदलने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

मीनाक्षी लेखी ने कहा था, “ऐसे लोग जिनके पास छोटी बचत है, बैंक खाता नहीं है, उनकी जिंदगी प्रभावित होगी वर्तमान योजना से कालेधन पर लगाम नहीं लगेगी।”

ये खबर आज की नहीं, लगभग तीन वर्ष पुरानी है, परंतु सोशल मीडिया पर शेयर अब हो रही है और वायरल हो रही है। आप भी सुनिए तब क्या कहा था भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने

 

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