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छह साल के बच्चे के पेट से निकला अविकसित भ्रूण

चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यूपी के वारासणी जिले में एक निजी अस्पताल में एक छह साल के बच्चे के पेट से 900 ग्राम का अविकसित भ्रूण निकाला है। झारखंड के गढवा जिले के निवासी रितेश के पेट से भ्रूण मिलने से डॉक्टर भी हैरान है।

डॉक्टरों ने दावा किया है कि ऐसा मामला 5 लाख में से किसी एक बच्चे में पाया जाता है। रितेश को पेट दर्द की शिकायत के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसके बाद डॉक्टरों ने पेट में गांठ होने की बात कहकर बच्चे के परिवारवालों को ऑपरेशन की सलाह दी। मगर ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने पाया कि जिसे वे गांठ समझ रहे थे वह एक अविकसित भ्रूण है।

डॉक्टरों ने दावा किया है कि ऐसा मामला पहले भी देखा गया है और आमतौर पर 5 लाख में से किसी एक बच्चे में ही ऐसी शिकायत पाई जाती है। मेडिकल साइंस में ऐसी चीजें संभव है। भारत में यह अपनी तरह का 10वां केस है। पूरे विश्व में शायद 100वां केस होगा। यह मेडिकल साइंस में इसे फिटेस्ट इन ट्यूटो थ्योरी कहते हैं, जिसके तहत दो बच्चे एक साथ मां के गर्भ में है और एक का विकास हुआ। दूसरा विकसित हो रहे भ्रूण के के पेट में चला गया और धीरे-धीरे विकसित होने लगा।

ऑपरेशन टीम के सदस्य और पिडियार्टिस्ट डॉक्टर ने बताया कि आमतौर पर लोगों को लगेगा कि ऐसा संभव नही है लेकिन मेडिकल साइंस में ऐसा संभव है। सीधी भाषा में अगर कहा जाए तो जुड़वां भाई उसके पेट में चला गया। गर्भवती महिला के भीतर नली से दोनों बच्चे जुड़े थे जिसमें एक बच्चेदानी में होने के कारण उसे सही प्रकार से ब्लड आदि मिलने लगा तो वो नॉर्मल पैदा हुआ। लेकिन उसी जगह दूसरा बच्चा किसी प्रकार से नॉर्मल बच्चे के पेट के ऊपरी हिस्से जिसे ओमेंटम कहते हैं, वहां पहुंच गया और धीरे-धीरे विकसित होने लगा।

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