बिहार से शराबबंदी नहीं हटी तो राज्य के सभी थानेदार देंगे इस्तीफा
नीतीश के शराबबंदी अभियान के कारण बिहार में पुलिस वालों ने बगावत कर दी है. बगावत का असर राज्य में फिर से जंगल राज आने जैसे हालत बन गए हैं. पिछले दिनों बिहार सरकार ने 10 थानेदारों सहित 19 पुलिस वालों को सस्पेंड किया था .इसके विरोध में राज्य के सभी थानेदार थाना प्रभारी के पद से इस्तीफे का मन बना रहे हैं. इसके लिए बाकायदा दस्तखत अभियान चल रहा है. विपक्ष ने इस मामले में नितीश पर निशाना साधा है.
समूचे बिहार में पुलिस वालों ने बगावत कर दी और इसी कड़ी में भोजपुर, रोहतास के कई थानेदारों ने एसपी को बाकायदा चिट्ठी लिखी है. भोजपुर में 200 पुलिस वालों ने थानेदार नहीं बनने की चिट्ठी पर दस्तखत किए हैं. कई और जिलों में इस तरह का अभियान चल रहा है. बिहार पुलिस एसोसिएशन के नेताओं ने डीजीपी से कल मुलाकात की थी.
इनकी मांग है कि जिन पुलिस वालों को निलंबित किया गया है उनको फिर से बहाल किया जाए और सरकार कानून में संशोधन करे. पुलिस संघ ने कहा है कि मांगें नहीं मानी गई तो 8000 दारोगा और इंस्पेक्टर एक साथ थानेदार के पद से इस्तीफा दे देंगे.
28 अगस्त तक मांगें नहीं मानी गई तो वे पहले सामुहिक छुट्टी पर चले जाएंगे. 28 अगस्त को ही पटना में राज्य भर के पुलिस संघ पदाधिकारियों की बैठक होगी. बिहार में शराबबंदी को लेकर सरकार ने सख्त नियम बना रखा है. 8 जिलों के जिन 10 थानेदारों को निलंबित किया गया वो 10 साल तक थाना प्रभारी नहीं बन पाएंगे. आधा दर्जन डीएसपी भी जांच के दायरे में हैं.