बिहार

बाढ़ से तबाह लोग 40 रूपये किलो चूहा खरीद कर खाने को मजबूर महादलित परिवार

सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल क्षेत्र के सलखुआ प्रखंड के बनाही टोला में चालीस रूपये किलो चूहा बेचा जा रहा है. लोग इसे खाने को मजबूर हैं. कोशी के पानी ने इस डेढ़ सौ घर वाले टोला को चारो तरफ से घेर लिया है जहा लबालब पानी भरा है जिस कारण बाहर से अन्य खाद्य सामग्री नही पहुँच पा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि लगातार तीन दिनों से पानी में घिरे होने के बाद भी सरकारी सहायता उपलभ्द नही की जा रही है. ऐसे हालात में लोगों का मुख्य आहार चूहा बन गया है.

बीडीओ ने कहा हम अनाजों का वितरण नियमित रूप से कर रहें हैं :-

बनाही टोला उसी कबिरा धाप पंचायत का हिस्सा है जो गीता नामक लड़की को लेकर देश दुनिया की सुर्ख़ियों में आया था. हालांकि सलखुआ के बीडीओ बिभेष आनंद का कहना है की अभी ऐसी बाढ़ की नौबत नहीं आई है जिसमे लोग चूहा को ही भोजन का एकमात्र आहार बना लें. उन्होंने बताया कि अनाज का वितरण नियमित हो रहा है और गुरूवार से तीन दिनों तक इसे बांटने का डीलरों को विशेष निर्देश दिया गया है

लोगों ने लगाया आरोप नहीं मिल रही सरकारी सहायता :-

ये बात अलग है कि अभी तक राहत सामग्री का वितरण नहीं शुरू किया गया है. जिला मुख्यालय से 44 और प्रखंड मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर बनाही टोला के प्रभु सादा, अंगूरी सादा,रामोतार सादा, गूगल सादा और रामविचार सादा का कहना है कि तीन दिनों से साधन के आभाव में टोला से बाहर आना-जाना नहीं हो पा रहा है. अनाज या फिर अन्य सामान तो मिलना कठिन है. आदमी मज़बूरी में चूहा खाने को विवश है.

बेचन सादा का कहना है कि वह दिन भर में दस बारह किलो चूहा पकड़ लेता है। बेचन की तरह और भी कई लोग है जो चूहा मारकर इसे चालीस रूपये किलो बेच रहें हैं और जो नहीं बिकता है वह घर में बन जाता है.

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